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दौलताबाद के निधन से सरकार की मुश्किलें बढ़ी

11:09 AM May 26, 2024 IST
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मनोहर लाल के इस्तीफे से करनाल और चौ़ रणजीत सिंह के इस्तीफे से रानियां सीट पहले से खाली

चंडीगढ़, 25 मई (ट्रिन्यू)
बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद के निधन ने नायब सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तीन निर्दलीय विधायकों – सोमबीर सिंह सांगवान, धर्मपाल गोंदर व रणधीर सिंह गोलन के सरकार से समर्थन वापसी के बाद नायब सरकार अल्पमत में आई हुई है। दो निर्दलीय विधायकों – नयनपाल रावत व राकेश दौलताबाद ने सरकार को समर्थन दिया हुआ था। दौलताबाद के निधन की वजह से अब विधानसभा में एक सीट और खाली हो गई है।
मनोहर लाल के इस्तीफे से करनाल और चौ़ रणजीत सिंह के इस्तीफे से रानियां सीट पहले से खाली हैं। करनाल में उपचुनाव के लिए शनिवार को वोटिंग हो गई। करनाल से मिले रुझान के हिसाब से यहां से उपचुनाव लड़ रहे सीएम नायब सिंह सैनी के सामने किसी तरह का संकट नज़र नहीं आ रहा।
नायब सैनी के जीतने की स्थिति में भाजपा विधायकों की संख्या 41 हो जाएगी। निर्दलीय नयनपाल रावत के अलावा सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन है।
नब्बे सदस्यों वाली विधानसभा में वर्तमान में 87 विधायक हैं। नायब सैनी अगर जीतते हैं तो यह आंकड़ा 88 हाे जाएगा। इसके हिसाब से नायब सरकार को बहुमत के लिए 45 विधायकों की जरूरत होगी। हालांकि नरवाना से जजपा विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा व बरवाल विधायक जोगीराम सिहाग ने भाजपा को समर्थन दिया हुआ है।
कांग्रेस की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन देकर नायब सरकार को बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगाने और विधानसभा चुनाव करवाने की मांग की हुई है।
हालांकि अभी बहुत कुछ लोकसभा चुनाव के नतीजों पर भी निर्भर करेगा। पांच विधायक इस बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अंबाला लोकसभा सीट पर मुलाना हलके से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी, भिवानी-महेंद्रगढ़ से महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह, कुरुक्षेत्र से इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला, सोनीपत लोकसभा से राई से भाजपा विधायक मोहनलाल बड़ौली और हिसार लोकसभा सीट पर बाढ़डा से जजपा विधायक नैना सिंह चौटाला चुनाव लड़ रही हैं। विधायकों में से चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को विधानसभा की सदस्यता छोड़नी पड़ेगी।

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