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अखिलेश की कमान में तेजी से दौड़ी साइकिल

07:29 AM Jun 05, 2024 IST
लखनऊ में विजय यात्रा निकालते समाजवादी पार्टी के समर्थक। -प्रेट्र

लखनऊ, 4 जून (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी (सपा) ने अखिलेश यादव की कमान में चमत्कारिक वापसी कर राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और भाजपा द्वारा राम मंदिर निर्माण का श्रेय जोरशोर से लेने के बावजूद सपा का शानदार चुनावी प्रदर्शन जमीनी स्तर पर अखिलेश की लोकप्रियता को दर्शाता है।
सपा ने राज्य में 37 लोकसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा 33 सीटें अपने नाम कर पायी। भाजपा ने उस प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने का दावा किया था, जहां से प्रधानमंत्री मोदी सांसद हैं। सपा ने मायावती नीत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में पिछला चुनाव लड़ा था और पांच सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार अखिलेश की पार्टी ने प्रदेश में भाजपा को करारा झटका दिया, जिसने 2019 में 62 सीटें जीती थीं।
अखिलेश की पार्टी ने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के तहत 62 सीटों पर चुनाव लड़ा और शेष सीटें कांग्रेस तथा अन्य दलों के लिए छोड़ीं थी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह पहला आम चुनाव था और अखिलेश ने निराश नहीं किया और उनके नेतृत्व में पार्टी ने साल 2004 से भी बेहतर प्रदर्शन किया। 2004 के चुनाव में सपा ने 36 सीटें जीती थी।
ऐसा लगता है कि अखिलेश के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) फार्मूले ने पार्टी के लिए काम किया। भाजपा ने प्रचार के दौरान अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुद्दे को जोरशोर से उठाया, बावजूद इसके सपा फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही। इस सीट में अयोध्या का क्षेत्र शामिल है।

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