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मासूम भाई-बहन के लिए मसीहा बना दंपति

07:20 AM Jun 19, 2025 IST
मासूम भाई बहन के लिए मसीहा बना दंपति
रास्ता भटके बच्चों को सुरक्षित उनकी बुआ के घर पहुंचाने वाले बरवाला के बुजुर्ग दंपति को सम्मानित करते एसपी कुलदीप सिंह। -हप्र
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जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 18 जून
जींद के बधाना गांव की एक नाबालिग और बधिर बच्ची और उसके नाबालिग भाई के लिए हिसार के बरवाला का एक मजदूर बुजुर्ग दम्पति मसीहा बनकर आए। अपनी बुआ के घर जाते समय दोनों बच्चे रास्ता भटक गए। इससे पहले कि दोनों बच्चे गलत हाथों में पड़ते, बरवाला के बुजुर्ग दम्पति दोनों बच्चों को न केवल अपने घर ले गए, बल्कि दोनों को उनकी बुआ के घर भी पहुंचाया।
थाना अलेवा के गांव बधाना से 15 जून को दो बच्चे मुस्कान (13) व आर्यन (11) अपनी बुआ के घर गांव भाटला, जिला हिसार में जाने के लिए लगभग ढाई बजे घर से निकले। ये बच्चे अपनी बुआ के घर नहीं पहुंचे। इन दोनों बच्चों का जब कोई पता नहीं चला, तो परिजनों ने थाना अलेवा में लिखित में सूचना दी, जिस पर थाना अलेवा में मामला दर्ज कर बच्चों की तलाश शुरू की गई। दोनों बच्चे रास्ता भटक कर हांसी पहुंच गए थे। दोनों बच्चे बस अड्डा हांसी पर बैठे रो रहे थे। उसी समय बुजुर्ग दम्पति मदन लाल व उनकी पत्नी सुमित्रा देवी, वासी वार्ड नंबर 18 बरवाला रोहतक से मजदूरी कर अपने घर बरवाला वापस जा रहे थे। मदन लाल व सुमित्रा देवी से इन बच्चों की हालत देखी नहीं गई और बुजुर्ग दंपति बिना किसी हिचकिचाहट के बच्चों को अपने घर ले गए। उन्होंने बच्चों को खाना खिलाया। उन्हें आराम करने के लिए जगह दी और पूरी रात उनका ख्याल रखा। सुबह होते ही मुस्कान व आर्यन से उनके घर व उनकी बुआ का पता पूछा। वे 16 जून को सुबह दोनों बच्चों को अपने साथ लेकर गांव भाटला गए। वहां गांव में इन बच्चों की बुआ सोनू के घर का पता कर मुस्कान व आर्यन को सकुशल उनकी बुआ के हवाले किया। बुधवार को जींद में डीएसपी संजय कुमार ने बताया कि थाना अलेवा की टीम ने मंगलवार को दोनों बच्चों की सीडब्ल्यूसी से काउंसलिंग करवाई। अदालत में बच्ची का बयान करवाकर दोनों बच्चों को सकुशल उनके परिजनों के हवाले कर
दिया गया।

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एसपी कुलदीप सिंह ने दंपति को किया सम्मानित

एसपी कुलदीप सिंह ने बुजुर्ग मदन लाल को एक चादर, उनकी पत्नी सुमित्रा देवी व उनकी पोती को एक-एक शाल व इसके अलावा प्रशंसा पत्र के साथ एक दीवार घड़ी देकर सम्मानित किया। एसपी कुलदीप सिंह ने कहा कि बुजुर्ग दंपति के सहयोग से जल्द ही बच्चों के परिजनों का पता चल गया। बच्चे सुरक्षित अपने माता-पिता के पास लौट आए।

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