मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

सहमति न बन पाने से लटका अस्पताल का निर्माण कार्य

11:34 AM Sep 25, 2024 IST
रेलवे रोड कालका सब डिविजनल हॉस्पिटल। -निस

पिंजौर, 24 सितंबर (निस)
कालका के सरकारी सब डिविजनल हॉस्पिटल में पिंजौर, कालका, दून, रायतन क्षेत्र की लाखों की आबादी के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसी के मद्देनजर वर्ष 2022 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 100 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा की थी जिसमें ट्रॉमा सेंटर भी बनना है।
स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए पिंजौर-कालका बाईपास पर टिपरा में लगभग 10 एकड़ जगह का चयन भी कर लिया था। लेकिन ये जगह नगर परिषद प्रशासन की है शहरी स्थानीय निकाय विभाग के नियमानुसार अस्पताल बनाने के लिए इसे खरीदा जा सकता है। जमीन की कीमत को लेकर 2 वर्षों से स्वास्थ्य और एमसी प्रशासन में आपसी सहमति नहीं बन पाई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग एमसी प्रशासन से जमीन की कीमत को लेकर बात कर रहा था लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई । इसी कारण अस्पताल का निर्माण कार्य लटका पड़ा है। एमसी अधिकारियों के अनुसार निर्धारित जमीन की कीमत अदा करने के बाद ही जमीन ट्रांसफर की जाएगी जबकि स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों के अनुसार विभाग ने डेढ़ वर्ष पूर्व जमीन का लगभग 15 करोड़ रुपये का बजट बनाकर भेजा था। एमसी प्रशासन ने जमीन
का एस्टीमेट बनाकर नहीं दिया तो वो पैसा वापस चला गया था। लेकिन उसके बाद एमसी ने 18 करोड़ से अधिक का बजट बनाकर भेजा था। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग ने जमीन लीज पर लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रशासन से बात चल रही है।

Advertisement

पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से लोग परेशान

स्वास्थ्य विभाग ने जमीन लेने के लिए एमसी प्रशासन को दो प्रस्ताव बनाकर भेजे हैं जिनमें जमीन लीज पर लेने और रेलवे रोड स्थित सब डिवीजनल हॉस्पिटल वाली जमीन के बदले टिपरा में जमीन मांगी है। कालका हॉस्पिटल वाली जमीन शहर के बीचों-बीच है जिसमें मल्टी स्टोरी पार्किंग, कमर्शियल कांप्लेक्स, एमसी ऑफिस या अन्य काम के लिए प्रयोग किया जा सकता है। हैरानी है कि 2 वर्षों से विभागों में जमीन को लेकर वाद-विवाद, पत्राचार ही चल रहा है अस्पताल न जाने कब बनेगा। कालका, पिंजौर, आसपास के गांवों के लिए कालका का यही एकमात्र बड़ा सरकारी हॉस्पिटल है। लेकिन यहां पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं न होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है । यही नहीं मरीजों को कई टेस्ट पंचकूला के सामान्य अस्पताल में जाकर करवाने पड़ते हैं या उन्हे बाहर किसी प्राइवेट लैब में अधिक पैसे खर्च कर टेस्ट करवाने को मजबूर होना पड़ता है।

जल्द ही मंजूरी मिल जाने की उम्मीद : एसएमओ

उधर एसएमओ कालका डॉक्टर राजीव नरवाल ने बताया कि हमने विभाग की ओर से जमीन लीज पर देने का प्रस्ताव भेजा हुआ है और एमसी प्रशासन ने हमारे प्रस्ताव को विभाग को भेज रखा है। उम्मीद है उस पर जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। अब विभाग मौजूदा एसडीएच अस्पताल भवन को भी अपने पास रखना चाहता है ताकि यहां पीएचसी या अन्य स्वास्थ्य सेवाएं जारी रह सकें।

Advertisement

Advertisement