संविधान ने न्याय, समानता के सिद्धांतों को किया स्थापित
सोनीपत, 26 नवंबर (हप्र)
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारतीय संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की आधारशिला के रूप में हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है। यह हमारे देश में न्याय, समानता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों को स्थापित करता है। राज्यपाल दत्तात्रेय मंगलवार को ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी पर संविधान की पवित्रता को बनाए रखने और उसे संरक्षित करने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। हमारे संविधान का विस्तृत ढांचा विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की शक्ति को संतुलित करता है और जवाबदेह कानून का शासन सुनिश्चित करता है। हमारा संविधान वंचित वर्गों के लिए शिक्षा के अधिकार, सम्मान के अधिकार, समानता के अधिकार और न्याय के अधिकार के लिए भी प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में स्थापित किए गए संविधान संग्रहालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे संग्रहालय की प्रतिकृति प्रत्येक राज्य व जिला में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय न केवल छात्रों को संविधान के बारे में जागरूक करने में मदद करेगा बल्कि यह जनता को भी सूचित करेगा। उन्होंने कहा कि आज प्रथम संविधान सभा के दूरदर्शी सदस्यों को याद करने का भी अवसर है, जहां डॉ. बीआर अंबेडकर ने महान संविधान का निर्माण किया और उसका मसौदा तैयार किया, जिसने भारत को दुनिया के सबसे बड़े गणराज्य के रूप में स्थापित किया। कार्यक्रम में विशविद्यालय के कुलपति डॉ. सी राजकुमार और रजिस्ट्रार प्रो. दबीरू श्रीधर पटनायक ने सम्मानित सभा को धन्यवाद प्रस्ताव दिया। कार्यक्रम में संविधान सभा में शामिल सदस्यों के परिजनों को भी विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में सभी ने अपने विचार भी रखे। इस मौके पर राई से विधायक कृष्णा गहलावत, सोनीपत से विधायक निखिल मदान, खरखौदा से विधायक पवन खरखौदा, गन्नौर से विधायक देवेंद्र कादियान समेत भाजपा के कई पदाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।