मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
आस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

पंजाबियों की कॉमेडी टाइमिंग लाजवाब

10:52 AM May 11, 2024 IST

रेणु खंतवाल
गिप्पी ग्रेवाल पंजाबी फिल्म, संगीत इंडस्ट्री का जाना-माना नाम है। गायक, अभिनेता और फिल्म निर्माता के रूप में गिप्पी ग्रेवाल ने पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री को एक नई पहचान दी है। फिर चाहे उनके गीत एल्बम – चक्ख लई, आजा वे मित्रा, मेले मित्रां दे हो या फिर फुलकारी, देसी रॉकस्टार,... और यो यो हनी सिंह के साथ उनका गाना अंग्रेजी बीट, बहुत बड़ा हिट रहा। फिल्मों की बात करें तो मेल करादे रब्बा से गिप्पी ने अभिनय की शुरुआत की और उसके बाद कैरी ऑन जट्टा, सिंह बनाम कौर, लकी दी अनलकी स्टोरी, जट्ट जेम्स बॉन्ड, फरार, कप्तान, मौजां ही मौजां जैसी कई फिल्में शामिल हैं। बीते दिनों गिप्पी ग्रेवाल अपनी नई फिल्म शिंदा शिंदा नो पापा की प्रमोशन में बिजी रहे। इस फिल्म में वे अपने बेटे के साथ नज़र आये हैं। फिल्म कल ही रिलीज हुई। दिल्ली आए अभिनेता गिप्पी ग्रेवाल से हुई बातचीत के अंश :-
फिल्म शिंदा शिंदा नो पापा में आपके बेटा शिंदा ने भी आपके साथ काम किया। क्या वह भी पापा की तरह आगे चलकर हीरो बनने की तैयारी कर रहा है?
बेशक यह शिंदा की चौथी फिल्म है लेकिन मैंने पूरी तरह से उसके ऊपर छोड़ा हुआ है कि वह आगे चलकर क्या करना चाहता है। क्या बनना चाहता है। शिंदा का खेलों में बहुत रुझान है। वह वॉलीबॉल खेलता है।
आपकी हालिया फिल्म का टाइटल शिंदा शिंदा नो पापा है। इस पर कुछ बताएं?
टाइटल हमेशा ऐसा होना चाहिए जो लोगों की जुबान पर चढ़ जाए। जॉनी जॉनी यस पापा बहुत फेमस है लेकिन हमारा शिंदा फिल्म में हर बात पर नो बोलता है इसलिए फिल्म का नाम शिंदा शिंदा नो पापा कर दिया।
एक पिता होने के नाते आपकी नज़र में सही पैरेंटिंग क्या है?
बच्चे मार से ज्यादा प्यार से जल्दी और आसानी से समझ सकते हैं। मैं असल जिंदगी में इसी बात को अपनाता हूं। मैंने कभी अपने बच्चों को नहीं मारा। हां, डांट छोटी-मोटी लगा देता हूं लेकिन बहुत ज्यादा गुस्से में आकर मैंने कभी बच्चों को नहीं डांटा। प्यार से समझाने का रास्ता सबसे अच्छा है।
फिल्म शिंदा शिंदा नो पापा भी बच्चों की परवरिश को लेकर है?
यह फिल्म पैरेंटिंग पर है। इसमें एक परिवार भारत से कनाड़ा जाता है और कनाड़ा में यह कानून है कि वहां माता-पिता बच्चों पर हाथ नहीं उठा सकते। जबकि भारत में तो बच्चे शरारत करते हैं तो पैरेंट्स से खूब पिटते हैं। इस फिल्म में इसी कानून के फायदे और नुक्सान को बहुत ही अच्छे तरीके से समझाने का प्रयास किया गया है। खूब कॉमेडी के साथ इस विषय को गंभीरता से भी उठाया है।
एक टाइम था जब हीरोइनें साउथ का रुख करती थीं। आज पंजाबी फिल्मों में कई टीवी कलाकार आ रहे हैं। हालिया फिल्म में हिना खान आपके साथ हैं। इस रुझान की वजह ?
पंजाबी फिल्म व संगीत इंडस्ट्री की ग्रोथ और इसका लगातार बड़ा होना। देखिए, कोई आपकी तरफ तभी आता है जब उसे वहां कुछ संभावनाएं नज़र आती हों। वह इंडस्ट्री ग्रो कर रही हो। अब लोगों को पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में संभावनाएं नज़र आ रही हैं। यहां अच्छा काम हो रहा है। ज्यादा फिल्में बन रही हैं। इसलिए साउथ के साथ-साथ पंजाब भी काम के लिए एक विकल्प बन गया है।
पिछले कुछ सालों में पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री ने बहुत तेजी से ग्रो किया है। क्या वजह लगती है?
सबसे बड़ी वजह तो है हम सबकी बहुत मेहनत है। पिछले कुछ सालों में हम लोगों ने नए-नए विषयों को फिल्मों में उतारा है जो पहले कभी फिल्मों में नहीं उठाए गए। कॉमेडी को लेकर कई बेहतरीन फिल्मों का बनना क्योंकि पंजाबियों से बेहतरीन कॉमेडी टाइमिंग किसी की नहीं होती। वहीं फिल्मों की अच्छी क्वालिटी भी वजह है। मुझे लगता है कि जब कोई इंडस्ट्री ग्रो करती है तो उसमें बहुत मेहनत की जाती है। एक और बात, पहले हम अपनी पंजाबी फिल्मों को इतना प्रमोट भी नहीं करते थे अब हम फिल्मों का प्रमोशन भी अच्छे स्तर पर कर रहे हैं उससे भी बहुत फर्क पड़ता है।

Advertisement

Advertisement