स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर खरी नहीं उतरी 18 करोड़ से बनी बिल्डिंग
सुभाष पौलसत्य/निस
पिहोवा, 30 जून
अस्पताल के नये भवन को उद्घाटन का इंतजार है। उसे इस बात का इंतजार है कि कोई उसे भी चुनावी मुद्दा बनाए तथा उसका भी बेड़ा पार हो जाये। परन्तु कोई भी राजनीतिक दल उसकी ओर ध्यान ही नही दे रहा। पालिका प्रधान, लोकसभा चुनाव हो चुके हैं परन्तु किसी ने भी इस अस्पताल के बारे चर्चा तक नही की। लोगों को सुविधा देने के लिए बनाई नये अस्पताल की बिल्डिंग स्वास्थ्य विभाग व पीडब्लूडी विभाग के बीच फंसी हुई है। यह भवन लोगों की बीमारियों को दूर करने के बजाय खुद तिल-तिल कर मरने के लिए
मजबूर है।
अस्पताल में लगा ट्रंासफार्मर चोरी हो गया है। नया ट्रांसफार्मर मंजूर हो चुका परन्तु चोरी के भय से उसे लगाया नही जा रहा। वर्ष 2018 में 50 बेड की क्षमता के अस्पताल के निर्माण की शुरूआत की गई थी। 18 करोड़ की लागत से 3 मंजिला इमारत के साथ-साथ कर्मचारियों के रहने के लिए क्वार्टर भी बनकर तैयार हो गए। परन्तु आज तक पुराने भवन में चल रहे समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को इस अस्पताल के भवन में शिफ्ट नहीं किया गया। 60 साल पुराने भवन में ही समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चल रहा है। नए भवन में स्वास्थ्य केंद्र को शिफ्ट इसलिए नही किया जा रहा, क्योंकि यह भवन स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर यह भवन खरा नही उतरा। एसएमओ डाॅ़ नमिता ने बताया कि नए भवन में डिलीवरी रूम सही नहीं है। प्री व प्रो डिलीवरी रूम में खामियां हैं। नए भवन में 4 लिफ्ट को प्रावधान है, परन्तु केवल एक ही लिफ्ट बनाई गई है। नए भवन में पोस्मार्टम रूम भी नही है। अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट तो है परतु यहां से ऑक्सीजन नहीं ले सकते। अस्पताल में पानी के लिए भी बडा नलकूप चाहिए जो नही है। अस्पताल के इस नए भवन के लिए बजट का इन्तजार है ताकि अधूरे कार्यों को पूरा कराया जा सके।
बदहाल है स्वास्थ्य केन्द्र : सीएचसी भी सुविधा के लिए तरस रहा है। अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टरो की भी कमी है। अस्पताल में बच्चा रोग , ह्रदय रोग, महिला रोग, दंत रोग विशेषज्ञ नहीं है। वर्तमान में 5 डाक्टरों की जगह केवल 4 डाक्टर ही कार्य कर रहे हैं।