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याद करने के फॉमूलों से होगी पार नैया

06:39 AM Feb 22, 2024 IST

रेखा शाह आरबी

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हरेक विद्यार्थी पढ़ाई में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करने के प्रयास करता है। हालांकि परिणाम उसकी अध्ययन में मेहनत, सततता, मानसिक क्षमताओं और परीक्षा की तैयारी के लिए अपनाई गयी रणनीति जैसे बहुत से कारकों पर निर्भर करता है। ज्यादातर होता यह है कि एग्जाम पास आते ही स्टूडेंट परीक्षा के कारण चिंता एवं तनाव का अनुभव करते हैं। जिसका प्रभाव केवल दिमाग पर ही नहीं बल्कि उनके शारीरिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन पर भी पड़ता है। लेकिन यदि योजनाबद्ध तरीके से पढ़ा जाये एवं रिवीजन किया जाए तो कोई भी कारण नहीं है कि हमें एग्जाम तनाव दे पाएगा। परीक्षा के दिनों में खुशनुमां अहसास ही होगा यदि तैयारी की दिशा सही होगी।
तनाव के कारण ही पूरे साल मेहनत करके पढ़ा हुआ भी उनको याद रखने में उन्हें दिक्कत होने लगती है। परीक्षा का समय रिवाइज करने का होता है। और यह पढ़ाई का एक महत्वपूर्ण अंग भी है जिसे कई तरीकों से किया जा सकता है।
आजकल रिवीजन के लिए बहुत सारी तकनीकें अपनाई जाती हैं। जिससे स्टूडेंट अपना कोई भी पाठ या चैप्टर आसानी से रिवीजन कर सकते हैं। इससे स्टूडेंट को बहुत हेल्प तो मिलती ही है उनका रिवाइज करने का काम भी उतना उबाऊ नहीं रह जाता है। रिवीजन का सही तरीका पता न होने से बच्चों को एग्जाम टाइम में दिक्कत फेस करनी पड़ती है। वहीं सही ढंग से रिवीजन करने पर उनकी परफॉर्मेंस कई गुणा बेहतर बन जाती है। आईए जानते हैं रिवीजन करने के कुछ तरीकों के बारे में :

क्लासिक फॉमूला

यह तरीका हमेशा से चलता आया है। जिसमें बच्चे लिख-लिख कर नोटस बनाकर याद करते हैं। छोटे-छोटे नोट्स बनाकर कार्ड बनाकर स्टडी बोर्ड, टेबल के ऊपर व किताबों की अलमारी यानी सब जगहों पर लगाते रहते हैं और चलते-फिरते पढ़ते रहते हैं। रिवीजन का यह तरीका भले ही पुराना है लेकिन बहुत ही कारगर है। अगर लिखते लिखते स्टूडेंट बोर होने लगे तो नोट्स छोटे-छोटे बनाए जा सकते हैं और कभी-कभी रंगीन फ्लैश कार्डों का उपयोग किया जा सकता है। जिस पर डेट या सूत्र लिखकर याद किये जा सकते हैं।

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डूडल

इस तकनीक में बच्चे अपने पाठ को चित्र बनाकर सीखते हैं। जो टॉपिक्स या अध्याय स्टूडेंट को मुश्किल लगता हो उसको समझने के लिए अगर रेखा चित्र या डूडल करें तो अपने विषय को आसानी से समझने में मदद मिलती है, और उन्हें लंबे समय तक याद भी रहता है। जो टॉपिक्स मुश्किल हो उसके लिए छोटे-छोटे रेखा चित्र और डूडल्स बनाकर वह उन्हें याद रख सकते हैं।

ऑडियो बुक्स

कुछ बच्चे अपने टॉपिक को ग्रुप में चर्चा करने से ज्यादा अच्छे तरीके से समझ लेते हैं, विश्लेषण कर लेते हैं। उनके लिए ऑडियो बुक्स बहुत ही फायदेमंद रहता है। क्योंकि अन्य काम करते हुए भी अपने विषय को दोहरा सकते हैं। रिवीजन कर सकते हैं या अपने दोस्तों के समूह के साथ अपने टॉपिक को चर्चा कर सकते हैं। जो लंबे समय तक उन्हें याद रहता है।

तय हो शेड्यूल

दरअसल, अपने विद्यार्थी को रिवीजन के लिए जो सबसे कंफर्टेबल लगता है वही तरीका अपनाना चाहिए। हर दिन कम से कम दो सब्जेक्ट रिवाइज करने का शेड्यूल बनाना सही रहता है।

ब्रेक भी लेते रहें

जब भी पढ़ें और जितनी देर भी पढ़ा जाए अपना पूरा फोकस अपनी पढ़ाई पर ही रहना चाहिए। बीच-बीच में अपने माइंड को रिलैक्स भी करने के लिए ब्रेक लेते रहना चाहिए ताकि जो भी आप पढ़ रहे हैं वह आपके दिमाग में अच्छी तरह बैठ सके। इस दौरान टहल लें, पसंदीदा संगीत सुनें या फिर खेल लें। लेकिन इन गतिविधियों में उलझें नहीं, प्रायोरिटी याद रखें। साथ ही पिछले सालों के पेपर्स जरूर पढ़ लें क्योंकि कुछ क्वेश्चन ऐसे होते हैं जो हर-बार घुमा-फिरा कर आते हैं।

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