गुलज़ार बाज़ार में बेज़ार नायक
आलोक पुराणिक
उस दिन सब्जी बाज़ार में देर से पहुंचा, करीब ग्यारह बजे रात। सात रुपये का धनिया लिया एक दुकान से, पेमेंट क्यूआर कोड से किया, तो अमिताभ बच्चन साहब की आवाज आयी। जिसका आशय था सात रुपये प्राप्त हुए। मतलब मुझे चिंता हुई कि बच्चन साहब रात को ग्यारह बजे ड्यूटी पर लगे हुए हैं। यह बताने कि सात रुपये मिल गये। मुझे आत्मग्लानि हुई, बुजुर्गवार को इतनी रात परेशान किया।
फिर अभिषेक बच्चन पर गुस्सा आया कि पापा काम कर रहे हैं रात ग्यारह बजे तक। अभिषेक भाई तू ही बता दिया कर देर रात में कि पैसे मिल गये हैं। मतलब बुजुर्ग पापा को काम पर लगाना ग्यारह बजे भी, क्या यह सही बात है।
फिर मुझे सब्जी वाले पर गुस्सा आया कि भाई शर्म कर ले, यह शख्स इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का डाॅन हुआ करता था, अब तू सात रुपये का धनिया बिकवा रहा है इनसे। सब्जी वाले ने मेरा गुस्सा सुनकर कहा कि सात रुपये तो छोड़िये, बच्चन साहब तो दो रुपये रिसीव करते हैं, और बताते हैं।
मेरा निवेदन यह है कि एक आचार-संहिता बननी चाहिए, सुपरस्टार टाइप के लोगों के लिए। मेरे जैसे लोगों की भावनाएं आहत हो जाती हैं। अमिताभ बच्चन को हम जानते हैं, डॉन के तौर पर, क्या डायलाग बोलते थे- डॉन को तो तेरह मुल्कों की पुलिस तलाश कर रही है। लो जी तेरह मुल्कों की पुलिस तलाश कर रही है और बच्चन साहब धनिया वाले के पास बैठे हुए हैं, बता रहे हैं कि सात रुपये आ गये। सांस्कृतिक सदमा लग जाता है।
अभिषेक बच्चन, कब तेरा खून खौलेगा रे। जाकर तमाम जगहों पर बोले, पापा शाम पांच के बाद काम न करेंगे, उसके बाद हमको ड्यूटी दो, हम करूंगा। पर धंधे के उसूल कुछ और ही हैं। संगीत उद्योग से जुड़े एक बहुत नामी स्टार को जानता हूं मैं, सुपरस्टार थे और अब भी हैं। वह अपने बेटों को लांच करने की कोशिश में लगे हुए हैं। कोई उनसे प्रोग्राम करने के लिए कहता है तो कहते हैं कि मेरे बेटों को भी बुलाओ। फिर आयोजकों ने एक तरकीब निकाली, बेटों की परफारमेंस से बचने की। आयोजक उनसे कहने लगे कि हमें सिर्फ आप ही चाहिए, आप अपने बेटों का भुगतान ले लीजिये, पर परफारमेंस सिर्फ आपकी होगी। यानी आयोजक उन्हें परफारमेंस करने के और बेटों को परफारमेंस न करने का भुगतान दे रहे थे। बाप बड़ा स्टार हो, तो बेटे को कुछ न करने का भुगतान भी मिल जाता है।
बच्चन साहब आपसे निवेदन है कि अपने पुराने प्रशंसकों का ख्याल कीजिये। सात रुपये का धनिया न बेचिये। मर्सीडीज कार बेचिये, पांच सात करोड़ के फ्लैट बेचिये। धनिया अभिषेक बच्चन के हवाले कीजिये।