कलाकारों ने दर्शकों को खूब नचाया
एस.अग्निहोत्री/ हप्र
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 10 दिसंबर
क्राफ्ट मेला अपनी अमिट यादों के साथ रविवार को संपन्न हो गया। मेले ने इस साल भीड़ ने नया कीर्तिमान स्थापित किया। वीकेंड पर तो मेला प्रेमियों व दुकानदारों के लिए बेहद खास रहा। आखिरी दिन रविवार को भी मेला पूरे शबाब पर था। हर तरफ दर्शनार्थियों की भीड़ नजर आयी।
मेले की 10 दिवसीय यात्रा रविवार को पंजाबी गायक प्रभ गिल की लाइव परफॉर्मेंस के साथ पूरी हुई। इस 10 दिवसीय चंडीगढ़ राष्ट्रीय शिल्प मेले में सुंदर और पारंपरिक रूप से स्थापित स्टालों पर बनारसी रेशम, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सूती वस्त्र, गुजरात और राजस्थान के आभूषण, कालीन, टेराकोटा और मिट्टी के बर्तनों की वस्तुएं और पश्चिम बंगाल के सूखे फूल जैसे उत्पादों की एक शृंखला प्रदर्शित की गई। जहां ट्राइसिटी के लोगों ने जमकर खरीदारी की। रविवार को सुबह का सत्र जम्मू कश्मीर के कलाकारों के लोक नृत्य धमाली की प्रस्तुति से शुरु हुआ। इसके बाद मिजोरम का लोक नृत्य चिरो, उत्तराखंड के कलाकारों की ओर से छपेली, हरियाणा के कलाकारों की ओर से घूमर,, मणिपुर का थांगटा और पंजाब के कलाकारों द्वारा भांगड़ा की प्रस्तुति दी गई। इस दौरान मेले में आए कई दर्शक भी कलाकारों के साथ खुद को थिरकने से रोक नहीं पाए। दोपहर के सत्र में सुखविंदर सुक्खी की ओर से पंजाबी लोक गायन की प्रस्तुति हुई। जिसमें सुक्खी ने सानू छड़ के वेख लयी और जट्ट दा पसंद मुंडा कर ले आदि गीत गाए। मेले में शाम के सत्र में मेघालय का लोक नृत्य वांगला, हिमाचल प्रदेश के कलाकारों की ओर से सिरमौरी नाटी, जम्मू-कश्मीर की ओर से गीतरु, पश्चिम बंगाल के कलाकारों द्वारा राईबेंसे, त्रिपुरा का लोक नृत्य होजागिरी, लद्दाख का लोकनृत्य बाल्टी, दादरा एवं नगर हवेली के कलाकारों की ओर से माछी, असम के कलाकारो द्वारा बिहू, उत्तर प्रदेश का लोक नृत्य मयूर और मणिपुर के कलाकारो द्वारा लाई हरोबा आदि की प्रस्तुति हुई।