जहरीली होने लगी आबोहवा, बढ़ने लगा प्रदूषण का स्तर
रमेश कुमार सरोए/हप्र
करनाल, 15 अक्तूबर
जिले में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा हैं, आबोहवा जहरीली होने लगी है जिससे लोगों को सांस संबंधी परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। आबोहवा को शुद्ध बनाने रखने के लिए करीब 400 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम को मैदान में उतार दिया हैं, जो न केवल किसानों को पराली जलाने से रोकने में लगे हैं, साथ ही उन्हें पराली जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं में कमी की बात कर रहे हैं, जबकि स्थिति इसके विपरीत है। रात के समय सड़कों पर चलना काफी मुश्किल हो चुका है।
शाम होते ही धुंध जैसा वातावरण बन जाता हैं। कृषि विभाग से मिले आंकड़ों की बात करें तो 49 मामले ट्रेस किए गए थे, इनमें से 40 केस सही पाए गए, एक मामला एक्सीडेंट से आग लगने का मामला निकला। इसके अलावा 8 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए गए जा चुके हैं। 37 किसानों पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया हैं। 1.25 लाख एकड़ से धान की कटाई हो चुकी हैं, जिनसे अब तक करीब 2.50 एमटी पराली की गांठें बनाई जा चुकी हैं जबकि जिले में करीब 4 लाख 30 हजार एकड़ में धान की फसल लगाई हुई हैं।
सूत्रों की मानें तो धरातल पर स्थिति आकड़ों के विपरीत बनी हुई हैं, खेतों में रात के समय पराली में आग लगाई जा रही हैं क्योंकि पराली जलाने वालों को पता है कि रात के समय अधिकारी, कर्मचारी चेकिंग के लिए नहीं आते, जिससे वे पराली में आग लगाकर गेहूं बिजाई की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं जिससे खेतों में आग के बारे में पता ही नहीं चलता। रात के समय आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत होने लगती हैं, जो बताने के लिए काफी है कि आबोहवा दूषित हो रही हैं। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के एक्सईएन शैलेंद्र अरोड़ा ने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 113 दर्ज किया गया।
"धान की फसल कटाई के दौरान पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। इस काम में लगे सभी कर्मचारी व अधिकारी फील्ड में उतरें और बारीकी से नजर रखते हुए अपने दायित्व का निर्वहन करें। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी फील्ड में गांव-गांव जाकर जांच करने की है, वह कर्मचारी अपनी ड्यूटी का तत्परता से निर्वहन करें। ड्यूटी में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
-उत्तम सिंह, डीसी, करनाल
फील्ड में उतरे कर्मचारी-अधिकारी
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग करनाल के उप कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए कर्मचारी, अधिकारियों को फील्ड में उतरे हुए हैं। किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा हैं, जो किसान नहीं मान रहे हैं, उनके खिलाफ केस दर्ज ओर जुर्माना लगाया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 8 किसानों के खिलाफ केस दर्ज करवाएं गए हैं जबकि 37 किसानों पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि वे सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं ओर फसल अवशेष प्रबंधन के तरीकों को अपनाएं।