आजादी के मतवाले पंडित गिरधारी लाल को प्रशासन ने भुलाया
समराला, 5 जुलाई (निस)
यहां के नजदीकी गांव पपड़ौदी के निवासी पंडित गिरधारी लाल, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, को प्रशासन ने भुला दिया। वह महात्मा गांधी के करीबी साथियों में से एक थे और अफ्रीका में अंग्रेज सरकार की नौकरी छोड़कर देश की आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे। उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल होकर पंजाब के गांव-गांव जाकर लोगों को स्वतंत्रता के प्रति जागरूक किया। वे महात्मा गांधी के डांडी मार्च में शामिल हुए और स्वतंत्रता संग्राम के कई कार्यों में भाग लिया, जिसके चलते उन्हें कई बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी। कुछ साल पहले कांग्रेस सरकार के समय उनकी देशभक्ति और बलिदान को ध्यान में रखते हुए समराला चौक में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसे बाद में नए बस अड्डे के पास नगर कौंसिल की जगह पर स्थानांतरित कर दिया गया। आज वही प्रतिमा झाड़ियों और घास में घिरी अकेली खड़ी दिखाई देती है, जिसकी देखरेख की ओर समराला प्रशासन और नगर कौंसिल की कोई ध्यान नहीं है। स्थानीय प्रशासन केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी को प्रतिमा की सफाई कराकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो लेता है।
पंडित गिरधारी लाल के चचेरे भाई डॉ. कृष्ण लाल भागी ने समराला प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आज 5 जुलाई को पंडित गिरधारी लाल की 88वीं पुण्यतिथि थी, इस अवसर पर न तो किसी प्रशासनिक अधिकारी और न ही किसी राजनेता ने उन्हें याद किया, यहां तक कि प्रतिमा के आसपास की सफाई भी नहीं करवाई गई। यह पहली बार नहीं हुआ, बल्कि हर साल परिवार के सदस्य खुद आकर प्रतिमा की सफाई करते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह देखकर भी कभी किसी सरकारी अधिकारी या राजनेता की आंखें नहीं खुलीं। इस अवसर पर पंडित कृष्ण लाल भागी, पंडित गिरधारी लाल के चचेरे भाई, सुखविंदर सिंह गोगी, बलजीत सिंह काला सरपंच, अश्विनी कुमार भागी सहित गांव के अन्य सम्मानित लोग उपस्थित थे।