'रिश्तों का मांझा' और 'मीत' के कलाकार बोले-फिक्स न हो भूमिका, हर काम कर सकती हैं लड़कियां
चंडीगढ़, 20 अगस्त (ट्रिन्यू)
बेशक समाज ने आज बहुत तरक्की कर ली हो, लेकिन लड़कियों की भूमिका को लेकर आज भी एक फ्रेम बना हुआ है। अमूमन उसी फ्रेम में उसके रहने की कामना की जाती है। हालांकि कई लड़कियों ने हर भूमिका को सहज अंदाज में जीते हुए, इस कवायद को तोड़ा है। ऐसी ही कई बातें शुक्रवार को जीटीवी के आगामी शो ‘रिश्तों का मांझा’ और ‘मीत’ के कलाकारों ने वर्चुअल प्रेस कान्फ्रेंस में कहीं। इसके साथ ही कलाकारों ने अपने अनुभवों को भी साझा किया। ये दोनों ही शो 23 अगस्त से आ रहे हैं।
रिश्तों का मांझा, दीया और अर्जुन की प्रेम कहानी है। दोनों एक ही खेल के खिलाड़ी हैं, लेकिन जिंदगी के प्रति दोनों का रवैया अलग-अलग है। कोलकाता में आधारित यह शो दीया (आंचल गोस्वामी) नाम की एक उत्साही और बातूनी मिडिल क्लास बंगाली लड़की की कहानी है, जो अपने लिए एक सार्थक जिंदगी और अपने मध्यमवर्गीय परिवार का सहारा बनना चाहती है।
इसी तरह हरियाणा की एक उत्साही लड़की मीत का सफर दिखाया जाएगा। वह अपने घर ‘की‘ चिराग है, जबकि आमतौर पर ये माना जाता है कि लड़का ही परिवार का चिराग हो सकता है। वह न सिर्फ अपने परिवार की इकलौती कमाने वाली है, बल्कि डिलीवरी एजेंट का काम करके लड़के-लड़कियों को लेकर बनाए गए समाज के नियमों को भी तोड़ती है। वह बागी नहीं है… फर्क सिर्फ इतना है कि जिंदगी के प्रति उसके नजरिए में ये बात शामिल नहीं है कि वो अपने परिवार के हिसाब से एक ‘आदर्श लड़की‘ बनने में समय और एनर्जी बर्बाद करे।
मीत की कहानी को लेकर निर्माता शशि और सुमीत मित्तल ने कहा, ‘कुछ शोज़ ऐसे होते हैं, जो दर्शकों का मनोरंजन करते हैं और कुछ उन्हें जिंदगी के बारे में सोचने, अपनी विचारधारा पर सवाल उठाने और वक्त के साथ एक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद करने पर मजबूर कर देते हैं। हमारी प्रमुख नायिका एक हरियाणवी लड़की है, जो मानती है कि घर की जिम्मेदारियां निभाने की बात हो, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि इसे निभाने वाला एक लड़का है या लड़की।’
मीत का टाइटल रोल निभाने जा रहीं आशी सिंह ने कहा, ‘मैं सचमुच यह मानती हूं कि एक शो और एक किरदार के रूप में ‘मीत‘ हमारे समाज के बड़े संवेदनशील विषय को छूता है। यदि यह शो हमारे दर्शकों के दिलों तक पहुंचता है और यदि कुछ परिवार भी लिंग समानता के महत्व को महसूस कर पाते हैं तो हम समझेंगे हमने सचमुच एक बदलाव लाया है! मैं इस किरदार के सफर को आगे बढ़ाने के लिए बहुत उत्साहित हूं।’
मीत के ऑपोजिट लीड किरदार निभाने जा रहे शगुन पांडे कहते हैं, ‘एक शो के रूप में मीत एक ऐसा काॅन्सेप्ट है, जिसमें औरत और मर्द की जिम्मेदारियों को लेकर किए गए सामाजिक विभाजन की रीत तोड़ने की काबिलियत है।’ रिश्तों का मांझा की अनोखी कहानी को लेकर टेंट सिनेमा के सुसंता दास ने कहा, ‘रिश्तों का मांझा के साथ हम दो ऐसे लोगों की कहानी दिखाना चाहते हैं, जो जिंदगी, उम्मीदों और अरमानों को लेकर बिल्कुल अलग-अलग सोच रखते हैं। हमें उम्मीद है कि यह शो देखने के बाद बहुत-से अर्जुनों को अपनी जिंदगी में बहुत-सी दीयाएं मिलेंगी।’
रिश्तों का मांझा में दीया का लीड रोल निभाने को लेकर उत्साहित आंचल गोस्वामी कहती हैं, ‘ये मेरी खुशनसीबी है कि मुझे इतना महत्वपूर्ण रोल निभाने का मौका मिला। दीया एक मध्यमवर्गीय बंगाली लड़की है, जिसकी जिंदगी का ये उसूल है कि कुछ तो तोड़ निकाल ही लेंगे… मैं इस शो को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया जानने के लिए बेहद उत्साहित हूं।’ रिश्तों का मांझा में अर्जुन के रोल के साथ हिंदी टेलीविजन में डेब्यू करने जा रहे कृशाल आहुजा कहते हैं, ‘सच कहूं तो मेरा मानना है कि हिंदी टेलीविजन में अपना सफर शुरू करने के लिए मुझे इससे बेहतर किरदार नहीं मिल सकता था, क्योंकि अर्जुन मेरे पिछले सभी किरदारों से बहुत अलग है।’