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आतंकी खानपुरिया व उसके 3 साथियों को उम्रकैद की सजा

07:37 AM Mar 29, 2024 IST
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मोहाली, 28 मार्च (हप्र)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के आतंकी कुलविंदरजीत सिंह खानपुरिया व उसके तीन साथियों जगदेव सिंह, रविंदरपाल सिंह मेहना व हरचरन सिंह दिल्ली को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन चारों आरोपियों पर देशद्रोह, आपराधिक साजिश रचने और गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप थे। एनआईए कोर्ट ने इन चारों को बुधवार को दोषी करार दिया था और आज सजा सुनाई। इन चारों आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया। दोषी कुलविंदरजीत सिंह खानपुरिया पर 2019 में एनआईए द्वारा मामला दर्ज किया गया था। भारतीय अधिकारियों ने 21 नवंबर 2022 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था।
कनॉट प्लेस में बम विस्फोट मामले में शामिल था : गिरफ्तार आतंकवादी पंजाब में लक्षित हत्याओं को अंजाम देने की साजिश सहित कई आतंकवादी मामलों में शामिल और वांछित था। वह नब्बे के दशक में कनॉट प्लेस नई दिल्ली में एक बम विस्फोट के मामले और अन्य राज्यों में ग्रेनेड हमलों में भी शामिल था। जांच से पता चला था कि डेरा सच्चा सौदा से जुड़े प्रतिष्ठानों और पंजाब में पुलिस और सुरक्षा से जुड़े लोगों को निशाना बनाकर भारत में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश के पीछे खानपुरिया मुख्य साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड था। इसके अलावा खानपुरिया पंजाब और पूरे देश में आतंक पैदा करने के उद्देश्य से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों को भी निशाना बना रहा था।

अमृतसर में दर्ज किया था पहला मामला

30 मई, 2019 को पुलिस स्टेशन स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल अमृतसर में मामला दर्ज किया गया था और 27 जून 2019 को एनआईए ने केस अपने पास ले लिया था और इसमें नई एफआईआर दर्ज की गई थी। खानपुरिया ने भारत और विदेशों में विभिन्न दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में स्थित अपने संचालकों और सहयोगियों के साथ मिलकर भारत में आतंकवादी हमले करने की योजना बनाई और साजिश रची थी। इसके बाद खानपुरिया भारत से भागने में कामयाब रहा था। वह 2019 से फरार चल रहा था। एनआईए ने उसके बारे में सूचना देने पर पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी।

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इन धाराओं में सुनाई सजा

दोषियों को धारा 121 देशद्रोह (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या युद्ध छेड़ने का प्रयास करने या युद्ध छेड़ने के लिए उकसाने), 121-ए (दंडनीय अपराध करने की साजिश), 122 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार आदि इकट्ठा करना), 123 (युद्ध छेड़ने की योजना को सुविधाजनक बनाने के इरादे से छिपाना), आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 3 और 25 आर्म्स एक्ट और यूएपीए की धारा 17, 18, 18-बी, 38 और 39 के तहत सजा सुनाई गई है।

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