Terrorist Attack in Pahalgam : कश्मीर आतंकी हमले से दुखी एक्टर अमित ने पूछे तीखे सवाल, कहा- अभी और कितनी जानें जाएंगी? आखिर कब तक...
चंडीगढ़, 24 अप्रैल (ट्रिन्यू)
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बीच बॉलीवुड अभिनेता अमित साध ने भी अपना गुस्सा और भावनाएं व्यक्त कीं। इसके साथ ही, उन्होंने कश्मीर की यात्रा के दौरान अपने दिल के करीब के अपने निजी अनुभव का भी जिक्र किया।
मिड-डे से बातचीत के दौरान अभिनेता अमित साध ने बताया कि पहलगाम में हुए हमले से मैं पूरी तरह से दुखी और गुस्से में हूं। मेरी संवेदनाएं हर उस मासूम की जान के लिए हैं, जो इस हमले में मारे गए हैं। स्थानीय समुदायों और उन बहादुर कर्मियों के लिए जो इस क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने पिछले कुछ सालों में कई बार कश्मीर की यात्रा की है। सिर्फ काम के लिए नहीं बल्कि इसलिए क्योंकि मैंने इस जमीन और इसके लोगों के साथ एक निजी रिश्ता बनाया है। मेरे वहां के करीबी दोस्त हैं- निवासी, और यहां तक कि कुछ सशस्त्र बलों में भी। मैंने उन घरों में हंसी, कहानियां और अनगिनत कप चाय साझा की हैं, जिन्होंने दरवाजे गर्मजोशी और प्यार से खोले।
उन्होंने मोटरसाइकिल ट्रेक के दौरान की एक प्यारी याद भी साझा की। उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि मेरी एक मोटरसाइकिल यात्रा के दौरान एक रात हम कैंपिंग कर रहे थे। ठंड थी और मैं अपने टेंट से बाहर निकलकर एकदम शांत हो गया। बर्फ से ढकी चोटियां दूर से हीरे की तरह चमक रही थीं और केवल टिमटिमाते हुए तारे और चटकती आग की आवाज सुनाई दे रही थी।
अभिनेता ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले मैं कश्मीर में था। यह हमेशा की तरह खूबसूरत था, मेरा खूबसूरत मंत्रमुग्ध करने वाला कश्मीर.. कश्मीर ने मुझे शांति, शक्ति और घर जैसा एहसास दिया है। यह वह जगह है जहां मैं गहरी सांस लेता हूं, हल्का महसूस करता हूं और खुद से जुड़ता हूं। पर्यटकों को देखकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी। मैं हमेशा चाहता था कि दुनिया भर से लोग आएं और इस अद्भुत सुंदरता का अनुभव करें।
इस तरह से वो वहां की शांति को नष्ट करते हैं! इस तरह से वे हमें डराने की कोशिश करते हैं! उनकी सेना हमारी शक्तिशाली भारतीय सेना के सामने खड़ी नहीं हो सकती इसलिए अब वे नागरिकों पर हमला करने लगे हैं!! स्तब्ध, क्रोधित और तबाह- और कितनी जानें जाएंगी, इससे पहले कि हम कहें बहुत हो गया? बस एक ही ख्याल आ रहा है, कब तक? हमें इसे खत्म करना होगा।
एक निश्चित अंत! हमने जो आत्माएं खोई हैं उनके लिए प्रार्थना कर रहा हूं। ओम शांति। गौरतलब है कि 22 अप्रैल, 2025 को भारत के जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम के पास बैसरन घास के मैदान में सामूहिक गोलीबारी हुई। हिंदू पर्यटकों के इस नरसंहार में कम से कम 28 लोगों की जान चली गई 20 से अधिक अन्य घायल हो गए।