तीस्ता : गुजरात हाईकोर्ट ने कहा तुरंत सरेंडर करें, सुप्रीम कोर्ट ने देर रात दी राहत
नयी दिल्ली/ अहमदाबाद, 1 जुलाई (एजेंसी)
वर्ष 2002 के गोधराकांड के बाद हुए दंगों में ‘निर्दोष लोगों' को फंसाने के लिए साक्ष्य गढ़ने से जुड़े एक मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने शनिवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा। इसके खिलाफ सीतलवाड़ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं, जहां देर रात तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी। सीतलवाड़ को अंतरिम राहत देने पर दो न्यायाधीशों की अवकाश पीठ में मतभेद के बाद जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने कहा, 'सवाल यह है कि अगर हाईकोर्ट गिरफ्तारी से राहत प्रदान कर देता तो क्या आसमान गिर जाता।' गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस निर्झर देसाई की अदालत ने सीतलवाड़ की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि उनकी रिहाई से गलत संदेश जाएगा कि लोकतांत्रिक देश में सब कुछ उदारता होता है।