For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

तकनीक ने बदल दी जिंदगी की बयार

06:51 AM Dec 08, 2024 IST
तकनीक ने बदल दी जिंदगी की बयार
Advertisement

शैलेंद्र सिंह
हमारी जिंदगी में जब भी कोई सहूलियत आयी है, उसके पीछे हमेशा नई तकनीक रही है। अगर कहें कि समूचे मानव इतिहास में यह तकनीक ही है, जिसके विकास के चलते हमारी रोजमर्रा की जिंदगी हमेशा नया रूप लेती रही है, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। तकनीकी के चलते सिर्फ एक दशक के भीतर आजकल जिंदगी इतनी ज्यादा बदल जाती है कि अगर कोई व्यक्ति 10 साल तक सोया रहे और 10 साल बाद सोकर उठे तो उसे दुनिया पहचान में नहीं आयेगी। क्योंकि तकनीकी में पिछली एक सदी से तेज रफ्तार विकास हो रहा है। यह तकनीकी ही है, जिसके कारण सिर्फ 10 साल के भीतर लोगों की जिंदगी को तो छोड़िये, बड़े-बड़े शहरों का पूरा चेहरा बदल जाता है। हालांकि नई तकनीक हमेशा इंसान के लिए ज्यादा सहूलियत लेकर आती है, लेकिन यह भी सच है कि कोई भी समाज, किसी भी दौर में तकनीकी विकास को बहुत आसानी से नहीं स्वीकारता। जब 1985-86 में भारत के दफ्तरों में कंप्यूटर आना शुरू हुआ था, तो इसका जबर्दस्त विरोध हुआ था। लोगों ने इसे खलनायक की तरह पेश किया था, मगर आज स्थिति यह है कि इसके बिना कोई छोटा से छोटा दफ्तर भी एक दिन नहीं चल सकता।
पिछले एक दशक में हुए जबर्दस्त तकनीकी विकास ने उसके पहले की दुनिया का चेहरा बिल्कुल बदलकर रख दिया है। आज हाईटेक मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी, नवीकरणीय ऊर्जा और जैव प्रौद्योगिकी जैसी तकनीकों के कारण दुनिया में आमूल-चूल बदलाव हो चुका है। जानिये सिलसिलेवार, पिछले एक डेढ़ दशक में किन-किन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तकनीकी ने लंबी छलांग लगायी है।

Advertisement

स्पेस टेक्नोलॉजी

आज हमारे पास पलक झपकने की देरी में दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक अपनी बात पहुंचाने का जो हाइटेक इन्फॉर्मेशन मॉडल है, वह उपग्रह टेक्नोलॉजी में हुए जबर्दस्त विकास का नतीजा है। उपग्रह तकनीक स्पेस टेक्नोलॉजी के अंतर्गत आती है। आज उपग्रहों के माध्यम से हमारी जिंदगी के कई महत्वपूर्ण काम हो रहे हैं। संचार के अलावा उपग्रह ने धरती के पर्यावरण की निगरानी में भी जबर्दस्त भूमिका निभायी है। उपग्रहों के जरिये ही इंसान के भविष्य में परग्रही होने की कवायद को इन दिनों आधार दिया जा रहा है।

बदलाव ऊर्जा के भविष्य में

एक जमाने में लगा करता था कि जीवाश्म ईंधन हमारी ऊर्जा सभ्यता का हमेशा केंद्र बिंदु रहेगा और इससे लोग काफी चिंतित भी थे, क्योंकि कभी न कभी तो जीवाश्म ईंधन खत्म होना ही है। मगर पिछले एक दशक में वैकल्पिक ऊर्जा के इतने विकल्प सामने आ गये हैं कि आज हमारी समूची ऊर्जा खपत में इन नये विकल्पों की भूमिका 30 फीसदी से ऊपर है और 2030 तक 60 फीसदी से ज्यादा वैकल्पिक ऊर्जा, हमारी कुल ऊर्जा खपत का हिस्सा बनेगी। नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन तथा जैव प्रौद्योगिकी दोनों इसी दिशा में आगे बढ़ रही हैं। नवीनतम ऊर्जा संसाधनों में सौर ऊर्जा सबसे आगे है। यह अन्य ऊर्जा संसाधनों की तुलना में न सिर्फ काफी सस्ती बल्कि सर्वथा स्वच्छ है।

Advertisement

बदल दिया पढ़ाई का चेहरा

शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ने से पारंपरिक शिक्षा का चेहरा ही बदल गया है। आज ऑनलाइन एजुकेशन का एक ऐसा रूप हमारे सामने आया है, जिसमें बच्चे अपने टीचर से लगातार संपर्क में रहते हैं। यही नहीं, आज हम बिना स्कूल, कॉलेज गये और किसी तरह के व्यवधान के बिना घर बैठे शिक्षा हासिल कर रहे हैं, जो तकनीकी का ही कमाल है। ई-लर्निंग और दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षण अधिक रोचक और आसान हो गया है। इंटरनेट तथा वर्ल्ड वाइड वेब के माध्यम से आज दुनिया के किसी कोने में बैठे शिक्षक, दुनिया के किसी दूसरे कोने में बैठे छात्रों को पढ़ा रहे हैं। इंटरनेट मानव ज्ञान का एक असीम संग्रह बनकर सामने आया है। ब्लैकबोर्ड से लेकर स्मार्टबोर्ड तक बदलती तकनीकी का उपयोग क्लास रूम टीचिंग को रुचिकर बनाने के लिए किया रहा है। लाइब्रेरी का डिजिटल होना उसी प्रक्रिया का ही एक रूप है।

सर्जरी करते रोबोट

माना जाता है कि मेडिकल क्षेत्र में डॉक्टरों का सर्जरी करना, सबसे हिम्मत और मजबूत हृदय का काम है। डॉक्टरों को अगर अपने पेशे में कोई काम कठिन लगता है तो वह यही सर्जरी ही है। लेकिन आज तकनीक ने ऐसे उच्च शक्ति के ह्यूमनाइड रोबोट विकसित किए हैं कि ये रोबोट, डॉक्टरों के मुकाबले सर्जरी करते हुए एक फीसदी भी नहीं घबराते। शायद इसलिए भी कि रोबोट अंततः मशीन ही हैं। लेकिन रोबोटिक सर्जरी ने मेडिकल क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। आज अनुभवी सर्जनों जैसी सर्जरी बिना हाथ कांपे रोबोट कर रहे हैं। रोबोट सर्जरी के साथ साथ लेजर सर्जरी भी इस दौर की उन्नत मेडिकल तकनीकों में से है। डॉक्टरों का खुद मानना है कि आज का रोबोटिक डॉक्टर किसी का ऑपरेशन करते समय, हाड़मांस के डॉक्टरों के मुकाबले कहीं ज्यादा कॉन्फिडेंस में रहता है। ओपन हार्ट सर्जरी या लैप्रोस्कोपी के दौरान कुछ समय बाद मानव सर्जन में एक अंजान कंपन होने लगता है। लेकिन रोबोट सर्जरी से कभी भी उंगलियों की कोई असामान्य हरकत नहीं होती है, इसलिए टांके लगाना अधिक सटीक हो जाता है। रोबोटिक भुजाएं शरीर की किसी भी गहराई तक पहुंच सकती हैं, जहां तक सर्जन की उंगलियां नहीं पहुंच सकतीं। कैंसर जैसे खतरनाक रोग में भी रोबोटिक सर्जरी कारगर है। रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर द्वारा प्रोग्राम किए गए रोबोट ऑपरेशन करते हैं। रोबोटिक सर्जरी में पूरा कंट्रोल एक कंप्यूटराइज्ड कंसोल पर बैठे सर्जन के हाथ में होता है। रोबोट सर्जरी इसलिए बेहतर मानी जाती है क्योंकि इसमें शरीर के लक्षित अंग की विजिबिलिटी ज्यादा अच्छी होती है। इसकी मदद से आसानी से किसी कठिन जगह पर मौजूद गांठ या कैंसर सेल को रिमूव किया जा सकता है।

इ.रि.सें.

Advertisement
Advertisement