टीम इमरान बिन ‘बल्ले’ भी शतक के करीब
इस्लामाबाद, 9 फरवरी (एजेंसी)
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने पाकिस्तान के चुनाव नतीजों में आश्चर्यजनक रूप से बढ़त बना ली, हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अन्य दलाें के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में हैं। असामान्य देरी और धांधली के आरोपों के बीच पाकिस्तान चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार देर रात तक घोषित 224 नेशनल असेंबली सीटों के नतीजों में से 92 पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। वहीं, तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) को 63 और बिलावल जरदारी भुट्टो की ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी’ (पीपीपी) को 50 सीटों पर जीत मिली। अन्य सीटें छोटे दलों के हिस्से आयी हैं। निर्दलीयों में ज्यादातर इमरान खान की ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) द्वारा समर्थित हैं, जो चुनाव निशान क्रिकेट ‘बल्ला’ छिनने के कारण आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे। क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। मतदान बृहस्पतिवार शाम 5 बजे समाप्त हो गया था, लेकिन पहला आधिकारिक परिणाम करीब 10 घंटे बाद शुक्रवार तड़के 3 बजे घोषित किया गया। देरी के चलते परिणाम में हेरफेर की अटकलों को हवा मिली। इस दौरान, पीटीआई ने अपनी जीत का दावा करते हुए आरोप लगाया कि नतीजों में हेरफेर करने के लिए देरी की जा रही है।
पीटीआई ने कहा- शराफत दिखाएं, हार स्वीकारें : मतगणना के दौरान पीटीआई ने एक बयान जारी कर नवाज शरीफ से हार स्वीकार करने को कहा। उसने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘नवाज शरीफ थोड़ी गरिमा दिखाइए, हार स्वीकार कीजिए। पाकिस्तान की जनता आपको कभी स्वीकार नहीं करेगी। लोकतांत्रिक नेता के रूप में विश्वसनीयता हासिल करने का यह एक सुनहरा अवसर है। दिनदहाड़े डकैती को पाकिस्तान बड़े पैमाने पर खारिज कर देगा।’ पीटीआई के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर खान ने पीपीपी और पीएमएल-एन के साथ गठबंधन करने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी पार्टी अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में है। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी 150 नेशनल असेंबली सीटें जीत रही है।
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नवाज का दूसरों दलों को न्योता : पाकिस्तानी सेना के समर्थन से चुनाव लड़े नवाज शरीफ ने मतगणना के दौरान शुक्रवार शाम लाहौर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पास इतना बड़ा जनमत नहीं है कि हम अकेले सरकार बना सकें। ऐसे में हम दूसरे दलों को साथ आने का न्योता दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि शहबाज शरीफ को पीपीपी, एमक्यूएम और मौलाना फजल-उर-रहमान से मिलने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उन्होंने कहा, ‘इस मुल्क को भंवर से निकालना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें कौम की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। देश की तमाम पार्टियों को हमारे साथ मिलकर बैठना चाहिए ताकि आगे का रास्ता तय हो सके।’ इससे पहले, पीएमएल-एन नेता इशाक डार ने कहा, ‘निर्दलीयों ने हमसे संपर्क किया है और वे संविधान के मुताबिक अगले 72 घंटे में किसी पार्टी में शामिल होंगे। यदि निर्दलीय किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुए तो वे आरक्षित सीटें गंवा देंगे।’
शरीफ लाहौर से जीते, मनसेहरा से हारे
नवाज शरीफ, उनके छोटे भाई व पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, भतीजे हमजा शहबाज और बेटी मरियम नवाज ने अपने गढ़ लाहौर से जीत दर्ज की। इन सीटों पर एक समय इमरान की पार्टी द्वारा समर्थित उम्मीदवार बड़े अंतर से आगे थे। चुनाव आयोग ने मतगणना की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए नवाज के निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी को बदल दिया। नवाज शरीफ एनए-15 मनसेहरा निर्वाचन क्षेत्र से भी मैदान में उतरे थे, जहां निर्दलीय शहजादा गस्तसाप के खिलाफ उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं, पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी लाहौर की एनए-127 सीट पीएमएल-एन उम्मीदवार अत्ता तरार से हार गए। बिलावल केवल 15,000 वोट ही हासिल कर पाए।
सरकार बनाने के लिए 133 सीटें जरूरी
सरकार बनाने के लिए नेशनल असेंबली की 265 में से 133 सीटें जीतनी जरूरी हैं। बाजौर में एक उम्मीदवार की मौत के बाद इस सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था। नेशनल असेंबली की 336 सीट में से 266 पर मतदान कराया जाता है, अन्य 60 सीटें महिलाओं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं, जो जीतने वाले दलों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर आवंटित की जाती हैं।