करनाल में लगातार दूसरी बार सीएम से टकराएंगे तरलोचन सिंह
चंडीगढ़, 1 मई (ट्रिन्य)
करनाल विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी और सीएम नायब सिंह सैनी को कांग्रेस के तरलोचन सिंह चुनौती देंगे। बुधवार को तरलोचन सिंह ने अपना नामांकन-पत्र दाखिल कर दिया। पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने उनका नामांकन दाखिल करवाया। हालांकि, जब तरलोचन सिंह ने नामांकन जमा करवाया, तभी तक उनके नाम की अधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं हुई थी।
माना जा रहा है कि हुड्डा तरलोचन सिंह के नाम की पार्टी नेतृत्व से हरी झंडी ले चुके थे, इसलिए उन्होंने तरलोचन सिंह का परचा भरवाया है। तरलोचन सिंह लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री को चुनाव में चुनौती देंगे। 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मुकाबले कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। करनाल में हो रहे उपचुनाव में भी कांग्रेस ने तरलोचन सिंह पर भरोसा जताया है। इस बार वे सीएम नायब सिंह सैनी के मुकाबले चुनावी रण में उतर रहे हैं। करनाल उपचुनाव के लिए पूर्व विधायक सुमिता सिंह और भीमसेन मेहता का नाम भी पैनल में था, लेकिन पार्टी ने तरलोचन सिंह पर ही दांव खेला है। 2019 के चुनावों में मनोहर लाल ने 79 हजार 906 वोट लेकर कांग्रेस के तरलोचन सिंह को 45 हजार 188 मतों के अंतर से शिकस्त दी थी। इस चुनाव में तरलोचन सिंह की बेशक हार हुई थी, लेकिन वे मनोहर लाल के जीते के मार्जन को कम करने में कामयाब रहे थे।
मनोहर लाल ने करनाल से अपना पहला चुनाव 2014 में लड़ा था। उस समय मनोहर लाल ने 82 हजार 485 वोट लेकर 63 हजार 773 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। 2014 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी जय प्रकाश गुप्ता 18 हजार 712 मतों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे। वहीं, इनेलो के मनोज वधवा ने 17 हजार 685 वोट हासिल किए थे। कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र नरवाल को महज 12804 वोट मिले थे और वे चौथे स्थान पर रहे थे।
12 मार्च को मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी दिन नायब सिंह सैनी को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। 13 मार्च को मनोहर लाल ने करनाल विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। चुनाव आयोग ने लोकसभा के आमचुनावों के साथ ही करनाल में उपचुनाव करवाने का निर्णय लिया। हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों के लिए छठे चरण यानी 25 मई
को वोटिंग होगी। इसी दिन करनाल के उपचुनाव के लिए भी मतदान होगा।
नायब सिंह सैनी को कुरुक्षेत्र से सांसद होते हुए मुख्यमंत्री बनाया है। ऐसे में उन्हें छह महीनों के भीतर विधानसभा का सदस्य बनना होगा। माना जा रहा है कि इसी के चलते मनोहर लाल ने करनाल सीट खाली की थी। नायब सिंह सैनी करनाल हलके में अपना प्रचार शुरू चुके हैं। वहीं भाजपा की गठबंधन सहयोगी रही जजपा ने सीएम के मुकाबले पंजाबी कार्ड खेलते हुए राजेंद्र उर्फ राजा मदान को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इनेलो प्रत्याशी की घोषणा अभी नहीं हुई है।
करनाल से रहे विधायक
वर्ष विधायक
1967 रामलाल
1968 शांति प्रसाद
1972 राम लाल
1977 राम लाल
1982 शांति देवी
1987 लक्षमण दास
1991 जयप्रकाश गुप्ता
1996 शीशपाल मेहता
2000 जयप्रकाश गुप्ता
2005 सुमिता सिंह
2009 सुमिता सिंह
2014 मनोहर लाल
2019 मनोहर लाल