Tanushree Dutta Me Too Case: अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने पूछा- मुझे न्याय कब मिलेगा, पढ़ें क्या है मामला
मुंबई, 21 अगस्त (भाषा)
Tanushree Dutta Me Too Case: न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने कहा कि जब तक सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को बचाते रहेंगे, कोई भी आंदोलन या रिपोर्ट बदलाव नहीं ला पाएगी। रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ होने वाले उत्पीड़न और यौन शोषण को उजागर किया है।
दत्ता ने 2018 में अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसे भारत की ‘मी टू मुहिम' कहा गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी न्याय का इंतजार है। हालांकि, पाटेकर ने आरोपों से इन्कार किया है।
अभिनेत्री ने न्यायमूर्ति हेमा समिति की विस्तृत रिपोर्ट के समर्थन में आगे आईं महिलाओं के साथ एकजुटता व्यक्त की। रिपोर्ट मंगलवार को सार्वजनिक की गई।
अभिनेता दिलीप से जुड़े 2017 के अभिनेत्री हमला मामले के बाद मलयालम सिनेमा में यौन उत्पीड़न और लैंगिक असमानता के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए समिति का गठन किया गया था। दत्ता ने ‘पीटीआई-भाषा' को दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘ऐसा लगता है कि मी टू आरोपियों की थीम यही है, जैसे वे समाज के सामने एक सभ्य छवि पेश करते हैं और (जब) उनकी छवि टूटती है, तो उनका अहंकार इसे बर्दाश्त नहीं कर पाता। मैं केरल की पीड़िताओं के लिए बहुत दुखी हूं। इन रिपोर्टों से कुछ नहीं होगा क्योंकि महिलाओं पर अब भी हमले और शोषण जारी है।'
उन्होंने कहा, ‘इस देश में कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं - चाहे आप मिस इंडिया हों, अभिनेत्री हों, शिक्षित हों या सफल व्यक्ति हों। जब तक सत्ता में बैठे लोग इन अपराधियों को बचाने की कोशिश करेंगे, कोई भी आंदोलन, कोई भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर सकता।'
उन्होंने कहा, ‘एक समिति की रिपोर्ट है, विशाखा समिति है, और ऐसी अनेक रिपोर्टें हैं तथा समितियां बनाई जा रही हैं, लेकिन आप व्यवस्था का पालन कैसे करेंगे, जब कानून व्यवस्था इतनी भ्रष्ट हो और अवैध रूप से अर्जित धन का इस्तेमाल इसे रिश्वत देने के लिए किया जाता हो?'
विशाखा दिशानिर्देश, जो 1997 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तैयार किए गए थे, निजी या सार्वजनिक, संगठनों के लिए, यौन उत्पीड़न की शिकायतों के निवारण के लिए एक समिति गठित करना अनिवार्य करते हैं। दत्ता ने 2018 में आरोप लगाया था कि पाटेकर ने 2009 की फिल्म ‘हॉर्न ओके प्लीज' के सेट पर डांस स्टेप दिखाने के बहाने उन्हें अनुचित तरीके से छुआ था।
उन्होंने पाटेकर, नृत्य निर्देशक गणेश आचार्य, निर्देशक राकेश सारंग और फिल्म के निर्माता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। दत्ता के अनुसार, उन्होंने 14 गवाहों के नाम बताए थे, लेकिन पुलिस ने उनमें से किसी का भी बयान नहीं दर्ज किया और ‘बी समरी' रिपोर्ट संलग्न करने का प्रयास किया, जिसका अर्थ है कि पुलिस के पास किसी आरोपी पर आरोप दर्ज करने या मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘मेरे गवाहों ने मुझे बताया कि उन्हें पीसीओ से धमकी भरे फोन आए और पुलिस ने कभी उनसे किसी बयान के लिए संपर्क नहीं किया। एक पुरुष गवाह अपने गांव भाग गया, एक व्यक्ति पश्चिम एशिया चला गया और एक महिला गवाह डर के कारण कभी सामने नहीं आई।'
उन्होंने कहा, ‘पांच साल बाद, हमारी एक विरोध याचिका पर अदालत की तारीख आई है, जो अगले महीने है। पांच साल सिर्फ केस को खुला रखने के लिए! मुझे न्याय कब मिलेगा?'
उन्होंने कहा, ‘मैं भी किसी की बेटी हूं, क्या मुझे इस देश में रहने और सुरक्षित महसूस करने का अधिकार नहीं है?' दत्ता ने दावा किया, ‘2022 में, मैं उज्जैन में एक दुर्घटना का शिकार हुई, जब किसी ने उस ऑटो के ब्रेक काट दिए जिसमें मैं यात्रा कर रही थी। यह संयोग नहीं था क्योंकि ऐसा एक बार नहीं, बल्कि दो बार हुआ।'