एयरपोर्ट जा रहे 150 को तालिबान ने रोका
नयी दिल्ली, 21 अगस्त (एजेंसी)
भारत ने शनिवार को काबुल से करीब 80 भारतीयों को वायुसेना के विमान की मदद से बाहर निकाला। बताया गया कि काबुल से भारतीयों को लेकर उड़ान भरने के बाद यह विमान ताजिकिस्तान के दुशांबे में उतरा। इस बीच, अफगानिस्तान से निकलने की कोशिश कर रहे भारतीयों के एक समूह को काबुल हवाई अड्डे के पास रोककर किसी अज्ञात जगह पर ले जाये जाने की सूचना मिलने पर भारत में भ्रम और चिंता की स्थिति उत्पन्न हो गयी। हालांकि, बाद में पता चला कि इन भारतीयों को छोड़ दिया गया है।
अफगानिस्तान के मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, ये भारतीय उन 150 लोगों में शामिल थे, जो काबुल हवाई अड्डे की ओर जा रहे थे और उसी दौरान तालिबान लड़ाकों ने उन्हें रोका। ‘काबुल नाउ’ समाचार पोर्टल ने पहले खबर दी कि इन लोगों का तालिबान लड़ाकों ने अपहरण कर लिया है, लेकिन बाद में बताया कि सभी को छोड़ दिया गया है। काबुल में बदलते हालात पर नजर रखने वाले लोगों ने बताया कि भारतीयों को पूछताछ के लिए ले जाया गया था। इस मामले को लेकर तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया या टिप्पणी नहीं आयी।
लोगों की जान को खतरा : बाइडेन
वाशिंगटन (एजेंसी) : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिकी नागरिकों और बीते 20 वर्ष के दौरान उनका सहयोग करने वाले अफगानों को अफगानिस्तान से निकालने का जो अभियान अभी चल रहा है, वह इतिहास में हवाईमार्ग से लोगों को निकालने के सबसे बड़े और कठिन अभियानों में से एक है, इसमें लोगों की जान जाने का भी जोखिम है। व्हाइट हाउस से दिए भाषण में बाइडेन ने कहा कि कोई भी अमेरिकी यदि घर वापसी चाहता है तो हम आपको वापस लाएंगे। संवाददाताओं के प्रश्नों का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सेना अफगानिस्तान के सहयोगी देशों के 50-60 हजार लोगों को भी यही वचन देती है, लेकिन अमेरिकी नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। बाइडेन ने कहा, ‘यह निकासी अभियान खतरनाक है। इसमें हमारे सशस्त्र बलों को खतरा है और कठिन परिस्थितियों में इसे संचालित किया जा रहा है।’
तालिबान के साथ काम करने का रास्ता भी खुला : ब्रिटेन
लंदन (एजेंसी) : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि अफगानिस्तान में समाधान तलाशने के लिए ब्रिटेन के कूटनीतिक प्रयास जारी हैं, जिसमें ‘यदि आवश्यक हुआ’ तो तालिबान के साथ काम करने का रास्ता भी खुला है। क्षेत्र में जारी संकट पर चर्चा के लिए शुक्रवार को एक आपातकालीन ‘कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम’ (कोबरा) की बैठक के बाद जॉनसन ने मीडिया से कहा कि काबुल हवाई अड्डे से ब्रिटिश नागरिकों और समर्थकों को निकालने के लिए कठिन चुनौतियां बनी हुई हैं, हालांकि स्थिति अब कुछ बेहतर हो रही है।