बाबूगीरी में उलझ गया ताजमहल, गुप्ताजी के चंगुल में फंस गए शाहजहां !
समालखा, 17 नवंबर (निस)
सोचिये, अगर आज के समय में शाहजहां ताजमहल बनवाने की सोचते तो कम से कम 25 साल तक इसका टेंडर निकलवाने में लग जाते। इसके बाद काम शुरू होता। सौ साल से ज्यादा का वक्त ताजमहल बनने में लगता। अरबों का भ्रष्टाचार अलग होता। सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार के इसी कड़वे सच को उजागर करता है ‘ताजमहल का टेंडर’ नाटक। पाइट में चलो थियेटर उत्सव के पांचवें दिन आकाशवाणी के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित अजय शुक्ला ने इस नाटक का निर्देशन और मंचन भी किया। यह सात दिवसीय आयोजन रास कला मंच सफीदों के द्वारा किया जा रहा है।
बादशाह शाहजहां, पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर गुप्ताजी को बुलाकर उन्हें अपनी जन्नत नशीन बीवी मुमताज के लिए यादगार इमारत बनवाने के अपने ख्वाब के बारे में बताते हैं। काफी सोच-विचार के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि मुमताज की याद में मकबरा बनवाएंगे, जिसका नाम होगा ताजमहल।
बेहद चालाक और भ्रष्ट अधिकारी गुप्ताजी शाहजहां को अपने जाल और लालफीताशाही की ऐसी भूल-भुलैया में फंसा लेता है कि शाहजहां की ताजमहल की अर्जी के ‘अनुमोदन’ में ही अफसारशाही 25 साल लगा देती है। तब कहीं जाकर ताजमहल के निर्माण का टेंडर निकाला जाता है। अनेक हास्य-व्यंग्य से भरे इस नाटक में भ्रष्टाचार की कड़ियों को उजागर किया जाता है।
निर्यातकों, चिकित्सकों ने भी देखा नाटक : यंग एन्टरप्रन्योर सोसाइटी (यस) से जुड़े टेक्सटाइल निर्यातकों एवं चिकित्सकों ने भी ‘ताजमहल का टेंडर’ नाटक देखा। यस के चेयरमैन रमन छाबड़ा ने कहा कि थियेटर लाइव प्रस्तुति होता है। ताजमहल का टेंडर नाटक में सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया गया है। नाटक हमें जिंदगी की सच्चाई से रूबरू कराते हैं।
पाइट के वाइस चेयरमैन राकेश तायल ने बताया कि सोमवार 18 नवंबर को मुंशी प्रेमचंद लिखित कहानी पर ‘कहन कहानी कहन’ नाटक का मंचन किया जाएगा। एनएसडी की रेपर्टरी टीम पहली बार पानीपत में चलो थियेटर उत्सव में भाग ले रही है। इस अवसर पर चेयरमैन हरिओम तायल, सचिव सुरेश तायल, बोर्ड सदस्य शुभम तायल, डीन डॉ. बीबी शर्मा भी मौजूद रहे।