सर्वे आरम्भ, बिना नक्शे पास इमारतों का रुकवाया निर्माण : मेयर
वहीं मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू ने बताया कि आज एक टीम गठित करके गांवों का सर्वे करवाया गया है । उन इमारतों का काम रुकवा दिया गया है जिनके नक़्शे पास नहीं हैं। इसके इलावा इमारतों की स्ट्रेंथ की भी जांच करवाई जाएगी और जो सामर्थ्य अनुसार न हुईं, उन्हें तोड़ा जाएगा। गैरकानूनी इमारतों को सील किया जाएगा। गांव की लाल डोरे के अंदर बने घरों को नहीं छेड़ा जाएगा पर कमर्शियल एक्टिविटी करने वालों को गैरकानूनी काम नहीं करने दिया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जो बिल्डिंग गिरी, उसके साथ निर्मित हैं बहु-मंजिला इमारतें
सोहाना में जहां बिल्डिंग गिरी उसके साथ ही कुछ इमारतें बहु-मंजिला हैं । लोगों के अनुसार यह असर रसूख वाले लोगों की हैं। मोहाली का तमाम प्रशासनिक अमला यहां मौजूद रहा है और अब सवाल यह है कि सब कुछ देखने के बाद प्रशासन क्या कोई कार्रवाई करेगा या पहले की तरह कुम्भकर्णी नींद सो जाएगा। यह भी काबिलेगौर है कि सड़क के एक तरफ बहु-मंजिला इमारते हैं दूसरी तरफ तीन मंजिल से ऊपर ईमारत नहीं है क्योंकि यह शहरी इलाका है जो गमाडा के अधीन है।
मालिक गिरफ्तार, दोनों पांच दिन के पुलिस रिमांड पर
मोहाली (हप्र ) सोहाना में शनिवार शाम मल्टीस्टोरी बिल्डिंग गिर गई थी, जिसके मलबे में दबकर दो लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में बिल्डिंग मालिक परविंदर सिंह और गगनदीप सिंह निवासी चाओ माजरा को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ थाना सोहाना में बीएनएस की धारा 105 के तहत मामला दर्ज किया गया था। दोनों को आज मोहाली अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने दोनों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इस मामले में सुरेश कुमार ठेकेदार को भी मामले में नामजद कर लिया है। आरोपी ठेकेदार फरार है जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस ने मौके से जीसीबी मशीन भी कब्जे में ली है। आरोपियों से रिमांड दौरान यह पूछताछ की जाएगी कि वह बेसमेंट किस पर्पस के लिए खोद रहे थे और कंस्ट्रक्शन करने के लिए उन्होंने संबंधित विभाग से अनुमति ली थी या नहीं। जांच में सामने आया था कि यह बिल्डिंग करीब 10 साल पुरानी थी। इसकी बगल में ही बिल्डिंग मालिक परविंदर सिंह और गगनदीप सिंह बेसमेंट के लिए खुदाई करवा रहे थे, जिससे बिल्डिंग की नींव कमजोर हो गई और वह ढह गई। बिल्डिंग गिरने के बाद एनडीआरएफ और आर्मी ने 24 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। ऑपरेशन के करीब एक घंटे बाद रात करीब 8 बजे एनडीआरएफ की टीम ने 29 वर्षीय दृष्टि वर्मा को बेहोशी की हालत में बाहर निकाला था। हिमाचल के ठियोग की रहने वाली दृष्टि इसी बिल्डिंग में पीजी रहती थी। रात 11 बजे उसकी मौत हो गई थी। रविवार सुबह करीब 11 बजे एनडीआरएफ को एक युवक का शव मिला था। यह शव अंबाला के रहने वाले अभिषेक का था। वह बिल्डिंग में चल रहे जिम में कसरत करने आया था। हादसे में बचे जिम ट्रेनर केशव ने बताया कि शनिवार होने के चलते जिम में ज्यादा लोग नहीं थे। अभिषेक को बताया गया था कि बिल्डिंग गिरने वाली है लेकिन वह अपना मोबाइल लेने दोबारा अंदर चला गया जिस कारण वह मलबे के नीचे दब गया और उसकी मौत हो गई। एनडीआरएफ, सेना और पुलिस के करीब 600 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल थे।
जो बिल्डिंग गिरी, उसके साथ निर्मित हैं बहु-मंजिला इमारतें
सोहाना में जहां बिल्डिंग गिरी उसके साथ ही कुछ इमारतें बहु-मंजिला हैं । लोगों के अनुसार यह असर रसूख वाले लोगों की हैं। मोहाली का तमाम प्रशासनिक अमला यहां मौजूद रहा है और अब सवाल यह है कि सब कुछ देखने के बाद प्रशासन क्या कोई कार्रवाई करेगा या पहले की तरह कुम्भकर्णी नींद सो जाएगा। यह भी काबिलेगौर है कि सड़क के एक तरफ बहु-मंजिला इमारते हैं दूसरी तरफ तीन मंजिल से ऊपर ईमारत नहीं है क्योंकि यह शहरी इलाका है जो गमाडा के अधीन है। मोहाली में सोहाना के साथ ही कुंभड़ा, मटौर, शाही माजरा, मदनपुर और गांव मोहाली में अनेक गैरकानूनी इमारतें खड़ी हैं।