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294 कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सर्वे पूरा

10:12 AM May 15, 2024 IST

गुरुग्राम, 14 मई (हप्र)
दिल्ली से सटे गुरुग्राम की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहर की 294 अवैध कॉलोनियों को नियमित करवाने के लिए सर्वे करवाया जा रहा है। नगर निगम ने लगभग 200 से ज्यादा कॉलोनियों के सर्वे का काम लगभग पूरा कर लिया है। इस माह के अंत तक सभी कॉलोनियों की सर्वे रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी जाएगी। जून माह में सरकार द्वारा इन कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की जा सकती है। कॉलोनियों में रहने वाले करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकेंगी।
फरवरी माह में नगर निगम गुरुग्राम को 294 अवैध कॉलोनियों की एक सूची जारी की थी। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने सूची जारी करते हुए निगम की योजनाकार विंग इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए थे। निगम की योजनाकार विंग बीते दो माह से इन कॉलोनियों का सर्वे कर रही है। सर्वे के लिए निगम ने अलग-अलग टीमों का गठन किया हुआ है। हालांकि शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने दो सप्ताह में ही अधिकारियों से इनकी रिपोर्ट मांगी थी। अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सरकार प्राथमिकता पर काम कर रही है। आचार संहिता हटते ही अवैध कॉलोनियों को नियमित करने को लेकर घोषणा की जा सकती है। शहर के 21 कॉलोनियों को नियमित किया जा चुका है। अवैध से नियमित हुई कॉलोनियों में अब नगर निगम ने विकास कार्य करवाने भी शुरू कर दिए हैं। कई कॉलोनियों में विकास कार्यों के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।

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पहले से विकसित क्षेत्र की कॉलोनियों पर विचार

अवैध कॉलोनियों में निगम द्वारा स्थानीय लोगों को सड़क, सीवर, पानी, स्ट्रीट लाइट समेत किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाती। कॉलोनियां नियमित होने के बाद ही निगम द्वारा इन कॉलोनियों में सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। कॉलोनियों में पक्की गलियां, पानी की लाइन, सीवर की लाइन, पार्क, सामुदायिक भवन जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। विभाग की ओर से पहचाने गए नगर पालिका, नगर निगम सीमा के अंदर उन क्षेत्रों या कॉलोनियों पर विचार करने का निर्णय किया गया है, जो विकसित हैं और आसपास का क्षेत्र अधिसूचित है। किसी न किसी वजह से इन कॉलोनियों को अवैध छोड़ दिया गया था। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि ऐसे छूटी हुई कॉलोनियों के परिसीमन या पहचान के लिए प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

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