राजोआना की मौत की सजा कम करने की याचिका की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट
सत्य प्रकाश/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 26 सितंबर
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने से इनकार करने के 16 महीने से अधिक समय बाद सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर नये सिरे से विचार करने के लिए सहमत हो गया है। जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने केंद्र और पंजाब सरकार से राजोआना की मौत की सजा को कम करने की नयी याचिका पर जवाब देने को कहा है। केंद्र ने 25 मार्च, 2012 को दायर उसकी दया याचिका पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। 1995 में बेअंत सिंह की हत्या के दोषी राजोआना 28 साल से जेल में बंद है और उसे फांसी की सजा का इंतजार है। राजोआना की ओर से दायर नयी याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता की पहली रिट याचिका के निपटारे के बाद से अब तक लगभग एक साल और चार महीने बीत चुके हैं और उसके भाग्य पर अभी भी अनिश्चितता के बादल छाए हुए हैं, जिससे याचिकाकर्ता को हर दिन गहरा मानसिक आघात और चिंता हो रही है, जो अपने आप में इस न्यायालय की अनुच्छेद 32 शक्तियों का प्रयोग करके मांगी गई राहत देने के लिए पर्याप्त आधार है।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और 16 अन्य की 31 अगस्त, 1995 को चंडीगढ़ में सिविल सचिवालय के बाहर हुए विस्फोट में मौत हो गई थी। राजोआना को 2007 में एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। उसकी दया याचिका 12 साल से अधिक समय से लटकी हुई है। 3 मई, 2023 को शीर्ष अदालत ने उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने से इनकार कर दिया था और केंद्र से कहा था कि वह उसकी दया याचिका पर जब भी आवश्यक हो निर्णय ले।