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कोलकाता रेप-हत्या सुप्रीम कोर्ट का स्वत: संज्ञान

07:33 AM Aug 19, 2024 IST
नयी दिल्ली में रविवार को प्रदर्शन करते डॉक्टर। - प्रेट्र

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (एजेंसी)
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची के अनुसार, चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को मामले पर सुनवाई करेगी। इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट मामले की जांच सीबीआई को सौंप चुका है।
सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में बलात्कार और हत्या की इस बर्बर वारदात के बाद देशभर में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं। दिल्ली, कोलकाता समेत देश में कई जगह अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल रविवार को भी जारी रही।
इस बीच, कोलकाता पुलिस ने पीड़ित महिला चिकित्सक की पहचान उजागर करने और अफवाह फैलाने के आरोप में भाजपा की पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी और दो प्रसिद्ध चिकित्सकों- डॉ. कुणाल सरकार तथा डॉ. सुवर्ण गोस्वामी को समन जारी किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इन तीन लोगों के अलावा पुलिस ने घटना के बारे में गलत सूचना फैलाने के आरोप में 57 अन्य लोगों को भी समन जारी किया है।

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पूर्व प्रिंसिपल से तीसरे दिन भी पूछताछ, सीबीआई ने मांगी कॉल डिटेल

कोलकाता (एजेंसी) : आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से सीबीआई ने रविवार को लगातार तीसरे दिन पूछताछ की। सीबीआई उनकी कॉल डिटेल और चैट की जानकारियां जुटा रही है। जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि घोष को घटना से पहले और उसके बाद किए फोन कॉल की जानकारियां देने को कहा गया है। इसके लिए मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनी से भी संपर्क किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि घोष को चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी भूमिका स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि उन्होंने किससे संपर्क किया और (पीड़िता के) माता-पिता को करीब तीन घंटे तक का इंतजार क्यों करवाया। उनसे यह भी पूछा गया कि घटना के बाद अस्पताल की आपातकालीन इमारत के सेमिनार रूम के पास कमरों की मरम्मत का आदेश किसने दिया था। उन्होंने कहा, ‘हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या अपराध के पीछे कोई साजिश थी या पहले से इसकी योजना बनाई गई थी। प्रिंसिपल क्या कर रहे थे और क्या वह किसी भी तरीके से घटना में शामिल हैं।’ सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, घोष के जवाबों का मिलान वारदात की रात को ड्यूटी पर मौजूद अन्य चिकित्सकों और प्रशिक्षुओं के बयानों से किया जाएगा। गौर हो कि घोष ने 9 अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिलने के दो दिन बाद पद से इस्तीफा दे दिया था।

‘उसे जीवन में निराश किया, मृत्यु के बाद नहीं कर सकते’

इस मुद्दे पर भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के प्रमुख डॉ. आरवी अशोकन ने भावुकता भरा पत्र लिखा, ‘एक राष्ट्र के रूप में हमने मृत्यु के बाद उसे निराश नहीं होने दिया। राष्ट्र की मनोदशा को समझना कठिन है। गुस्सा, घृणा, हताशा, लाचारी। वह 36 घंटे की ड्यूटी पर थी। रात के दो बजे खाना खाया और फिर वार्ड से सटे सेमिनार कक्ष में अस्थायी बिस्तर पर सो गई। निम्न मध्यम वर्गीय माता-पिता की इकलौती बेटी। प्रवेश द्वार पर डॉक्टर की नेमप्लेट परिवार के गौरव की निशानी बनकर रह गई। गमगीन हूं।’ अशोकन ने कहा कि डॉक्टरों की सतर्कता और दमखम को राष्ट्र की एकमात्र उम्मीद के रूप में देखा गया। इस बीच, पूर्व क्रिकेटर एवं आप के राज्यसभा सदस्य हरभजन सिंह ने प. बंगाल के राज्यपाल और सीएम को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।

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