सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार से दलीलें मिलाकर मांगीं
नयी दिल्ली, 27 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण में निर्वाचित आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की जगह उपराज्यपाल को वरीयता देने संबंधी केंद्र सरकार के कानून को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर बुधवार को दोनों पक्षों को दलीलें मिला कर दाखिल करने का आदेश दिया।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ से दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने अनुरोध किया कि मामला तत्काल सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। पीठ ने सिंघवी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से एक साथ बैठने तथा सेवा विवाद में संविधान पीठ द्वारा तय किए जाने वाले कानूनी सवालों पर विचार करने को कहा। पीठ ने कहा, ‘हम शादान फ़रासत को नोडल वकील नियुक्त करेंगे। हम उनसे कहेंगे कि दलीलों को मिला कर तैयार करें। यह चार सप्ताह में तैयार करें और फिर आप इसका (सूचीबद्ध करने का) जिक्र करें।’ इससे पहले शीर्ष अदालत ने 25 अगस्त को दिल्ली सरकार को सेवाओं के नियंत्रण में निर्वाचित सरकार की जगह उपराज्यपाल को वरीयता देने के केंद्र सरकार के अध्यादेश को चुनौती देने वाली उसकी याचिका में संशोधन कर इसे अध्यादेश के बजाय कानून को चुनौती देने वाली याचिका में बदलने की अनुमति दी थी। अध्यादेश की जगह कानून लाए जाने के कारण याचिका में संशोधन आवश्यक हो गया था।