For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

संपत्ति अिधग्रहण व मदरसों पर सुप्रीम कोर्ट नरम

07:21 AM Nov 06, 2024 IST
संपत्ति अिधग्रहण व मदरसों पर सुप्रीम कोर्ट नरम
Advertisement

Advertisement

नयी दिल्ली, 5 नवंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने 7:2 के बहुमत के फैसले में मंगलवार को कहा कि संविधान के तहत सरकारों को ‘आम भलाई’ के लिए निजी स्वामित्व वाले सभी संसाधनों को अपने कब्जे में लेने का अधिकार नहीं है। भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि सरकारें कुछ मामलों में निजी संपत्तियों पर दावा कर सकती हैं। पीठ ने जस्टिस कृष्णा अय्यर के पिछले फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत वितरण के लिए सरकारों द्वारा अधिगृहीत किया जा सकता है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने और पीठ के छह अन्य न्यायाधीशों के लिए फैसला लिखा। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने बहुमत के फैसले से आंशिक रूप से असहमति जताई, जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने सभी पहलुओं पर असहमति जताई।

यूपी मदरसा कानून वैध, धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध नहीं

नयी दिल्ली, 5 नवंबर (एजेंसी)
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के ‘उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम’ की संवैधानिक वैधता बरकरार रखते हुए कहा कि यह धर्मनिरपक्षेता के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह मानकर गलती की कि यह कानून मूल ढांचे यानी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है।
चीफ जस्टिस ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हम उत्तर प्रदेश मदरसा कानून की वैधता बरकरार रखते हैं। दूसरी बात यह कि यदि राज्य के पास विधायी शक्ति नहीं है, केवल तभी किसी कानून को खारिज किया जा सकता है।’ सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश उत्तर प्रदेश के मदरसों के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है, क्योंकि हाईकोर्ट ने इन मदरसों को बंद करने और विद्यार्थियों को राज्य के अन्य विद्यालयों में दाखिला देने का आदेश दिया था।
मुस्लिम धर्म गुरुओं ने फैसले का स्वागत किया
लखनऊ : मुस्लिम धर्म गुरुओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, ‘इन मदरसों से हजारों लोग जुड़े हैं। फैसले से बड़ी राहत मिली है।’ जमीयत उलमा-ए-हिंद के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की आत्मा की हिफाजत की है, यह एक बहुत बड़ा संदेश है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement