हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का रोक से इनकार
नयी दिल्ली, 29 जुलाई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया, जिसके तहत बिहार में दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने वाले संशोधित आरक्षण कानूनों को रद्द कर दिया गया था। शीर्ष अदालत के इस फैसले को बिहार सरकार के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार की ओर से दायर 10 याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सहमति जताई।
शीर्ष अदालत, जिसने याचिकाओं पर नोटिस भी जारी नहीं किया, ने अपील की इजाजत दे दी और कहा कि याचिकाओं पर सितंबर में सुनवाई की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने पीठ से हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह किया। दीवान ने छत्तीसगढ़ के ऐसे ही एक मामले का जिक्र किया और कहा कि शीर्ष अदालत ने उस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।
इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘हम मामले को सूचीबद्ध करेंगे, लेकिन हम (हाईकोर्ट के फैसले पर) कोई रोक नहीं लगाएंगे।’ हाईकोर्ट ने 20 जून के अपने फैसले में कहा था कि पिछले साल नवंबर में बिहार की द्विसदनीय विधायिका द्वारा सर्वसम्मति से पारित किए गए संशोधन संविधान में प्रदत्त ‘अधिकार से परे’, ‘कानून की दृष्टि से त्रुटिपूर्ण’ और ‘समानता के अधिकार का उल्लंघन’ हैं।