सुप्रीम कोर्ट ने वीडियाे कॉन्फ्रेंस से सुने 7.30 लाख मामले : सीजेआई
नयी दिल्ली, 15 मई (एजेंसी)
भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 7.50 लाख से अधिक मामलों की सुनवाई की और 1.50 लाख से अधिक केस ऑनलाइन दायर किए गए। उन्होंने कहा कि यह सब इसीलिए हो पाया क्योंकि प्रौद्योगिकी ने न्यायपालिका समेत कानून और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच नये आयाम स्थापित
किए हैं।
‘डिजिटल परिवर्तन और न्यायिक दक्षता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग’ विषय पर रियो डी जनेरियो में आयोजित जे20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीजेआई ने भारत की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई ने सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना दिया है।’
जे20 उच्चतम न्यायालयों या जी20 सदस्य देशों की संवैधानिक अदालतों के प्रमुखों का एक शिखर सम्मेलन है। सीजेआई ने कहा कि भारतीय उच्चतम न्यायालय का वाद प्रबंधन तंत्र ‘फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर’ (एफओएसएस) पर विकसित किया गया है और यह दुनिया में सबसे बड़ा वाद प्रबंधन तंत्र है। उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के बाद भी प्रत्यक्ष और ऑनलाइन तरीके से सुनवाई (हाईब्रिड सुनवाई) भारतीय अदालतों की विशेषता बन गई है। ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई से उन लोगों को खासा फायदा हुआ, जिन्हें प्रत्यक्ष रूप से अदालत में पेश होने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय में महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों की सुनवाई को यूट्यूब चैनल पर सीधे दिखाया जाता है- जो संवैधानिक विचार-विमर्श को सभी नागरिकों के घरों और दिलों तक पहुंचाता है। भारत का उच्चतम न्यायालय आज लगभग पूरी तरह से कागज रहित है।’
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत अपने फैसलों को 16 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए ‘सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर’ (एसयूवीएएस) का उपयोग कर रही है।