सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर शीर्ष अदालत चिंतित
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में विचाराधीन मामलों पर संदेशों, टिप्पणियों और आलेखों के जरिए सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग होने पर चिंता जताई है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस (अब सेवानिवृत्त) और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने एक मामले में फेसबुक पर भ्रामक पोस्ट डालने के लिए असम के विधायक करीमउद्दीन बारभुइया के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करते हुए यह टिप्पणी की। इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
पीठ ने कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि इन दिनों सोशल मीडिया मंचों का अत्यधिक दुरुपयोग हो रहा है और उन पर अदालतों में लंबित मामलों के संबंध में संदेश, टिप्पणियां, लेख आदि डाले जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यूं तो हमारे कंधे किसी भी आलोचना या जिम्मेदारी को सहने के लिहाज से काफी चौड़े हैं, लेकिन अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी के अधिकार की आड़ में अदालत में लंबित मामलों के संदर्भ में टिप्पणियां या पोस्ट डाले जाने पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है जिनमें अदालतों के अधिकार क्षेत्र को कमजोर करने की या न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की प्रवृत्ति होती है।’