महाशक्तियों ने स्वीकारा दुनिया के लिए दिल्ली का संदेश
नयी दिल्ली, 9 सितंबर (एजेंसी)
जी20 शिखर सम्मेलन में भारत को शनिवार को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई, जहां इस प्रभावशाली समूह के सदस्य देशों ने ‘नयी दिल्ली घोषणापत्र’ (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) को सर्वसम्मति से अपना लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां ‘भारत मंडपम’ में शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मैं अपने मंत्रियों, शेरपा और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने कड़ी मेहनत से इसे संभव बनाया।
यूक्रेन संघर्ष पर बढ़ते तनाव और अलग-अलग विचारों के बीच भारत की जी20 अध्यक्षता में यह एक महत्वपूर्ण कामयाबी है। पीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा, ‘नयी दिल्ली घोषणापत्र अपनाने के साथ ही इतिहास रचा गया है। सर्वसम्मति और उत्साह के साथ एकजुट होकर हम एक बेहतर, अधिक समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भविष्य के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करने का संकल्प लेते हैं। जी20 के सभी साथी सदस्यों को उनके समर्थन और सहयोग के लिए मेरा आभार।’
घोषणापत्र में कहा गया है कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है और इसी के मद्देनजर सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान किया गया है। इसमें कहा गया है कि संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान के साथ-साथ कूटनीति और संवाद भी जरूरी है। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल या इस्तेमाल की धमकी देने को अस्वीकार्य बताया गया है।
आइए, विश्वास की कमी को भरोसे में बदलें : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया से विश्वास की कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील करने का अाह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वैश्विक कल्याण के लिए सभी के एक-साथ मिलकर चलने का समय है। मोदी ने यहां ‘भारत मंडपम’ में जी20 शिखर सम्मेलन मेंे सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘कोविड-19 के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने, इसे और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं, तो हम आपसी विश्वास पर आये इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। आज जी20 के प्रेसिडेंट के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिलकर सबसे पहले इस विश्वास की कमी को एक भरोसे में बदलें।’ मोदी ने यूक्रेन युद्ध को लेकर जी20 नेताओं के बीच गहरे मतभेदों के बीच यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान चाहती हैं। मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा।
पट्टिका पर ‘भारत’
प्रधानमंत्री मोदी ने जब शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, उस समय उनके सामने नाम पट्टिका पर ‘भारत’ लिखा था, जबकि अतीत में ऐसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के मौके पर ‘इंडिया’ लिखा जाता था।
मजबूत और संतुलित विकास पर केंद्रित : जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करता है, टिकाऊ भविष्य के लिए हरित विकास समझौते की परिकल्पना करता है। जी20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि इस आयोजन ने ‘भारत को विश्व के लिए और विश्व को भारत के लिए तैयार’ करने में योगदान दिया है। जी20 नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध और विशेष रूप से विकासशील व कम विकासशील देशों पर इसके प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भोजन, ईंधन और उर्वरक विशेष चिंता के मुद्दे रहे। आतंकवाद और धनशोधन का मुकाबला करने पर भी चर्चा की गयी। जयशंकर ने कहा कि नेताओं ने हर तरह के आतंकवाद की निंदा की और माना कि यह अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। जयशंकर ने कहा, संगठन और कार्यक्रम के संदर्भ में, भारतीय अध्यक्षता असाधारण रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मानव-केंद्रित वैश्वीकरण पर प्रधानमंत्री मोदी के जोर देने और ग्लोबल साउथ की हमारी चिंताओं को आवाज व मान्यता मिली है।