मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

सुपरफूड जिनके सेवन से नौनिहाल बनें ऊर्जावान

11:30 AM Mar 27, 2024 IST
Advertisement

आपका बच्चा अगर किसी मामूली गतिविधि, खेलने या चलने के बाद ही थकान-कमजोरी महसूस करता है तो यह उसके शरीर में एनीमिया यानी हिमोग्लोबिन की कमी का संकेत है। आयरन से भरपूर संतुलित आहार रक्त में आरबीसी की तादाद या हिमोग्लोबिन बढ़ाने में मददगार है। पत्तेदार सब्जियां, दालें, अनार, चुकंदर, मेवे व डेयरी प्रोडक्ट इस मामले में एक तरह से सुपरफूड्स ही हैं।

कविता राज

अगर आपका बच्चा हमेशा थका से रहता है, नींद जरूरत से ज्यादा आती है और बाहर खेलने से कतराता है तो सावधान हो जायें, क्योंकि ये लक्षण उसके शरीर में ऊर्जा की कमी के हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन उनमें से प्रमुख और आम कारण है आयरन की कमी। छोटे और टीनएज बच्चों को खासकर एनीमिया हो जाता है। खासकर सही खान-पान न होने के कारण बच्चों में कमजोरी आ जाती है। कमजोरी न आये इसके लिए जरूरी है बच्चे के शरीर में हीमोग्लोबिन यानी एचबी के सही स्तर को बनाए रखना। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) में एक प्रोटीन यौगिक है जो फेफड़ों से ऑक्सीजन को सभी ऊतकों और अंगों तक पहुंचाता है। हीमोग्लोबिन का सही स्तर ही मांसपेशियों को ताकत देता है, शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाता है ताकि सभी अंग ठीक तरह से काम करें। लेकिन जब हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है, तो यह एनीमिया का कारण बन सकता है, जिससे थकान, कमजोरी, चक्कर आना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। आगे चलकर यह कई और गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। डायटीशियन तरुण ठाकुर बता रहे हैं किचन में मौजूद 7 ऐसे सुपर फूड्स के बारे में जिनके जरिये आसानी से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाया जा सकता है।

Advertisement

पालक और अन्य पत्तेदार सब्जियां

पालक में भरपूर मात्रा में आयरन होता है। इसमें फॉलेट और विटामिन सी की भरमार होती है और हीमोग्लोबिन बढ़ाने के मामले में इसे सुपरस्टार कहा जाता है। यह शरीर में आरबीसी को बढ़ाने में मददगार है। इनमें मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण में मदद करता है। बच्चे के खाने में पालक को सब्जी, सलाद या स्मूदी -किसी भी प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं।

दालें

दालें रोजमर्रा के खाने में शामिल करने से शरीर को भरपूर प्रोटीन मिल जाता है। प्रोटीन का यह नेचुरल सोर्स हीमोग्लोबिन के स्तर को सुधारता है। बच्चों के खाने में दालों को लंच, डिनर के अलावा सूप और सलाद या पकौड़े की तरह शामिल कर सकते हैं। ये भी बॉडी में आयरन की मात्रा बढ़ाने में मदद करती हैं।

चुकंदर

चुकंदर में फॉलिक एसिड, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट की भरमार है। इससे हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है। इसकी नेचुरल स्वीटनेस के कारण इसे सलाद और जूस के रूप में बच्चे को खिला-पिला सकते हैं।

अनार

आयरन, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर अनार शरीर में खून की कमी दूर करने में सहायक हैं। उन्हें नाश्ते के रूप में या सलाद में शामिल कर सकते हैं। बच्चों-बड़ों के लिए अनार का जूस तो शानदार विकल्प है ही। इसे हरी चटनी की शक्ल में भी प्रयोग किया जा सकता है। रक्त बढ़ाने के लिये इसे रामबाण माना जाता है।

मोटे और फोर्टिफाइड अनाज

डाइटीशियन तरुण ठाकुर के मुताबिक, किचन में पाये जाने वाले कुछ अनाज आयरन के साथ फोर्टिफाइड होते हैं, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने का आसान तरीका माने जाते हैं। मोटे अनाज को खाने में शामिल करें, अगर बाजा़र से खरीद रहे हैं तो इसमें आयरन-फोर्टिफाइड विकल्पों के लिए लेवल की जांच करें। मिलेट्स आजकल प्रचलन में हैं ही। इनके साथ विटामिन सी युक्त फलों का इनटेक लाभकारी है। इससे हीमोग्लोबिन का स्तर सुधरेगा।

मछली व डेयरी उत्पाद

मांसाहारी लोग मछली, विशेष रूप से सैल्मन और टूना को आहार में शामिल कर सकते हैं। इनमें आयरन और विटामिन बी12 होता है, जो स्वस्थ रक्त निर्माण करने में मददगार है। वहीं शाकाहारी लोगों के लिये सोयाबीन और सोया मिल्क के अलावा मूंगफली और डेयरी उत्पाद अच्छा विकल्प हैं। हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर पनीर, दूध, दही और सोयाबीन सीड्स को सप्ताह में 2-3 बार बच्चे के आहार में शामिल करें।

मेवे और बीज

किचन में आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले बादाम, कद्दू के बीज और तिल आयरन, प्रोटीन समेत अन्य पोषक तत्वों का खजाना है। जो हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बच्चे के खाने में किसी भी तरह से इन्हें शामिल कर शानदार सेहत पाई जा सकती है। इसके अलावा डार्क चॉकलेट को डेजर्ट के तौर पर बच्चे के खाने में शुमार करें, इसमें आयरन और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो आरबीसी के निर्माण में मददगार हैं।
इन खाद्य पदार्थों को बच्चे के आहार में शामिल करने से धीरे-धीरे हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ेगा, जिससे एनीमिया यानी थकान व कमजोरी देर होंगे व तन-मन ऊर्जा से भरपूर होगा । हालांकि डायटीशियन संतुलित आहार के सेवन और डॉक्टर से परामर्श लेने की भी सलाह देते हैं।

Advertisement
Advertisement