Sunday Special : कैलाश पर्वत का आभास करवाता है पंजाब का यह प्राचीन शिव मंदिर, महाभारत काल में पांडवों ने की थी स्थापना
Sunday Special : भारत का दिल पंजाब ना सिर्फ अपने खाने व पारंपरिक अनोखे त्योहारों के लिए जाना जाता है बल्कि यहां घूमने के लिए भी एक से बढ़कर एक बढ़िया जगहें हैं। आज हम आपको पंजाब के होशियारपुर शहर में स्थित एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे देखने के लिए देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं।
हम बात कर रहे हैं शिवालिक पहाड़ियों पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर की, जिसे गगनजी का टिल्ला के नाम से भी जाना जाता है। पंजाब में सबसे ऊंचाई पर स्थित इस गगनचुंबी मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 766 भव्य सीढ़ियां चढ़ना पड़ती है। भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक इस स्थान पर कैलाश पर्वत के दर्शन जैसा महसूस होता है।
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए जिप्सी की सुविधा भी उपलब्ध है लेकिन श्रद्धालु पैदल चलकर ही जाना पसंद करते हैं क्योंकि रास्ते में मौजूद पेड़-पौधे और वनस्पतियां सफर को और भी शानदार बना देती हैं। आधी सीढ़ियां चढ़ने के बाद ही यह विशाल मंदिर दिखने लग जाता है। जहां मंदिर के एक तरफ हरियाली है वहीं दूसरी ओर की पहाड़ियों पर आपको सफेद बर्फ दिखाई देगी, जो किसी विदेशी टूरिस्ट प्लेस से भी ज्यादा सुदंर लगता है।
महाभारत से जुड़ा है मंदिर
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल श्रीकृष्ण ने पांडवों से किसी सुनसान जगहें पर शिवलिंग की स्थापना करके पूजा करने के लिए कहा था। अपनी यात्रा के दौरान पांडवों को यह जगह भा गई, जिसके बाद उन्होंने यहां शिवलिंग स्थापित कर दिया।
इसके बाद उन्होंने भगवान शिव की अराधना शुरु कर दी, जिससे महादेव ने खुश होकर उन्हें यहां दर्शन दिए। मान्यता है कि यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है इसलिए श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं।