Sultanpur Bird Sanctuary वन विभाग की रिपोर्ट में खुलासा, सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी प्रतिबंधित क्षेत्र में 9 सोसायटियों में अवैध निर्माण
विवेक बंसल/हप्र
गुरुग्राम, 15 दिसंबर
Sultanpur Bird Sanctuary सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी के पांच किलोमीटर प्रतिबंधित दायरे में पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बिना 110 अवैध निर्माण खड़े हो गए हैं, जिनमें नौ ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियां और कई फार्म हाउस शामिल हैं। हाल ही में वन विभाग की सर्वे रिपोर्ट ने यह चौंकाने वाला खुलासा किया है।
सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी को केंद्र सरकार ने इको-सेंसिटिव जोन घोषित कर रखा है, जिसके तहत पांच किलोमीटर के दायरे में किसी भी निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध है। बावजूद इसके, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने नौ बिल्डरों को ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाने के लाइसेंस जारी किए।
Sultanpur Bird Sanctuary शर्त यह थी कि निर्माण से पहले पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लिया जाए। हालांकि, बिल्डरों ने एनओसी लिए बिना निर्माण शुरू कर दिया। वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने सभी अवैध निर्माण के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी के प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह सेंचुरी रामसर साइट होने के कारण पर्यावरण और जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
7 हजार परिवारों ने शुरू किया रहना
Sultanpur Bird Sanctuary रिपोर्ट के अनुसार, नौ सोसायटियां बनकर तैयार हो चुकी हैं और इनमें लगभग सात हजार परिवार रहना शुरू कर चुके हैं। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने बिना एनओसी जांचे सोसाइटियों के नक्शे मंजूर कर दिए और कई को कब्जा प्रमाण पत्र तक जारी कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, सेंचुरी के प्रतिबंधित क्षेत्र में एक प्रमुख राजनैतिक नेता के होटल का नक्शा भाजपा में शामिल होने के बाद पास कर दिया गया, जो अब तेजी से बन रहा है। ऐसे ही कई फार्म हाउस, होटल और रेस्टोरेंट निर्माणाधीन हैं, जो सेंचुरी के पर्यावरण और जीव-जंतुओं को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जानवरों की जान को भी खतरा
Sultanpur Bird Sanctuary जंगल में हो रहे लगातार निर्माण कार्यों के कारण जानवरों का प्राकृतिक आवास प्रभावित हो रहा है, जिससे वे सड़कों पर आकर दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। वन विभाग के निर्देश के बाद उपायुक्त की निगरानी में इन अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जाएगी। दो सोसायटियों का निर्माण फिलहाल रोक दिया गया है, लेकिन अन्य अवैध निर्माणों पर कब और कितनी सख्ती होगी, यह देखना बाकी है।