निवेशकों की सुविधा के लिए निवेश नीति में संशोधन करेगी सुक्खू सरकार
ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 9 जून
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में राज्य स्तरीय गोष्ठी (फोरम) के दूसरे चरण के दौरान प्रदेश में 7828 करोड़ रुपए की 26 लंबित परियोजनाओं की कार्यान्वयन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पर्यटन, जल विद्युत तथा औद्योगिक क्षेत्रों के हितधारकों के साथ चर्चा की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रत्येक परियोजना का जायजा लिया तथा इनके विलम्ब के कारणों की जानकारी प्राप्त की।
गत बुधवार को मुख्यमंत्री ने इस गोष्ठी के प्रथम चरण में 8468 करोड़ रुपए की 29 लंबित परियोजनाओं के लिए निवेशकों से चर्चा की थी। प्रदेश में अटकी पड़ी 16297 करोड़ रुपए की कुल 55 परियोजनाओं से 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उद्योग स्थापित करने में विलम्ब पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हरसम्भव प्रयास कर रही है तथा परियोजनाओं की स्थापना में आने वाली अड़चनों को दूर करने पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को सरकारी कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर काटने से बचाने के लिए सरकार निवेश नीति में संशोधन कर रही है। उन्होंने निवेशकों को बेझिझक अपनी समस्याएं प्रदेश सरकार के साथ साझा करने का आग्रह किया तथा इनके समाधान का आश्वासन भी दिया।
पर्यटन के क्षेत्र में करेंगे निवेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है तथा कांगड़ा जिला प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनेगी। उन्होंने कहा कि सरकार स्वयं पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश करेगी। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार तथा सभी ज़िला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट का निर्माण चरणबद्ध ढंग से किया जा रहा है। इसके उपरांत सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक उद्यमियों के साथ पारस्परिक चर्चा की तथा उनकी परियोजना को शीघ्र स्थापित करने के लिए उनके विचार सुने। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार ने ई-स्टाम्प प्रणाली की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। सुक्खू सरकार ने आज ई-स्टाम्प रूल में संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी की। इसके तहत राज्य में अब स्टाम्प विक्रेता एक दिन में 2 लाख रुपए तक के स्टाम्प पेपर बेच सकेंगे, जबकि अभी तक वह एक दिन में मात्र 20,000 रुपए के स्टाम्प पेपर ही बेच सकते थे।