सुक्खू ने की देश में बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की पैरवी
शिमला, 13 अक्तूबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद एक बार फिर देश में चुनाव बैलेट पेपर से करवाने की पैरवी की है। सूक्खु ने शिमला में कहा कि केंद्र सरकार 2029 मेें एक देश एक चुनाव की बात कर रही है तो क्यों न यह चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से करवाए जाएं, ताकि चुनावों के दौरान उत्पन होने वाली सभी तरह की शंका दूर हो जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन देशों ने ईवीएम को बनाया है, वहां पर भी वह बैलेट पेपर से चुनाव करवा रहे हैं। ऐसे में जब उन देशों ने ही ईवीएम से चुनाव करवाना बंद कर दिए हैं तो फिर हमारे देश में इससे चुनाव क्यों हो रहे हैं। ऐसे में देश में जब भी अगला चुनाव आए तो एक बार बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव होना चाहिए, इससे स्पष्ट हो जाएगा कि चुनाव निष्पक्ष हो रहे या नहीं। मुख्यमंत्री ने हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजों पर सन्देह वाले बयान पर कहा कि राजनीति में अगर संदेह नहीं होगा तो लोकतंत्र कैसे मजबूत होगा।
सूक्खु ने लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को लेकर कहा कि वह युवा है, उन्हें बोलने का पूर्ण अधिकार है और अभी वह सीख रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह के यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के फैन होने पर पूछे गए सवाल पर सूक्खु ने कहा कि वह योगी के फैन नहीं है। मीडिया छोटी सी बात को बड़ा बना देती है। उन्होंने इसको लेकर स्पष्टीकरण भी दिया है।
संजौली प्रदर्शन भाजपा द्वारा प्रायोजित
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिंक के संजौली में मस्जिद मामले को लेकर प्रदर्शन भाजपा द्वारा प्रायोजित था। उन्होंने कहा कि संजौली में हुए प्रदर्शन में 300 से 400 लोग शामिल थे और यह प्रदर्शन भाजपा द्वारा प्रायोजित था। कर्जा छोड़कर गई भाजपा सरकार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार चुनाव से पहले 85 हजार करोड़ का कर्ज और कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ की छठे वेतन आयोग की देनदारियां प्रदेश पर छोड़कर गई है। उन्होंने कहा कि कर्ज लेने के बाद कर्ज की अदायगी भी होती है, उसके लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। सुक्खू ने दावा किया कि वह व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ सत्ता में आए हैं। सत्ता के सुख भोगने के लिए नहीं। सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 2018 में टॉयलेट टैक्स लगाया। ये टैक्स प्रदेश में उन बड़े-बड़े होटल या उद्योग पर लगाया गया जिनके पास पानी के कनेक्शन तो अपने हैं, लेकिन वह सीवरेज सरकार का इस्तेमाल करते हैं। भाजपा सरकार ने उस वक्त सीवरेज टैक्स के रूप में अतिरिक्त टॉयलेट सीट पर टैक्स लगाया। जबकि हमारी सरकार ने इसमें सुधार किया।