Sukhbir Badal Attack: पूर्व आतंकवादी चौड़ा के बादल पर खुद ही हमला करने की संभावना : पुलिस सूत्र
चंडीगढ़, छह दिसंबर (भाषा)
Sukhbir Badal Attack: पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर स्वर्ण मंदिर के बाहर हुए हमले की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गोली चलाने वाले पूर्व आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा ने स्वयं ही शिअद नेता पर हमला किया है।
चौड़ा को बृहस्पतिवार को अमृतसर की एक अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया। मंगलवार को हुए हमले में बादल की जान उस समय बाल बाल बच गई थी, जब अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर चौड़ा ने उन पर नजदीक से गोली चलाई थी लेकिन एक पुलिसकर्मी की सतर्कता से उसका निशाना चूक गया। इस दौरान सादे कपड़ों में मौजूद पुलिसकर्मियों ने हमलावर को काबू कर लिया था।
सुखबीर पर हुए हमले का दृश्य मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों के कैमरों में रिकॉर्ड हो गया था, जो वहां कवरेज के लिये एकत्र हुये थे, जहां बादल 2007 से 2017 तक पंजाब में रही अकाली सरकार द्वारा की गई ‘‘गलतियों'' के लिए धार्मिक प्रायश्चित के रूप में स्वर्ण मंदिर के मुख्य द्वार पर ‘सेवादार' के रूप में ड्यूटी निभाने के दूसरे दिन को कवर करने के लिए एकत्र हुए थे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 68 वर्षीय चौड़ा ने बादल को ‘तनखाह' घोषित किए जाने के बाद हमले की योजना बनाई थी। 2007 से 2017 तक पंजाब में अकाली दल सरकार और उनकी पार्टी द्वारा की गई ‘‘गलतियों'' के लिए अकाल तख्त ने उन्हें धार्मिक सजा सुनाई थी। उन्होंने बताया कि हमले के लिए उसने जिस 9 एमएम पिस्तौल का इस्तेमाल किया था, उसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।
अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। भुल्लर ने अमृतसर में कहा, ‘‘उसके कब्जे से नौ एमएम की पिस्तौल बरामद की गई है। यह (पिस्तौल) कहां से खरीदी गई, हम इसकी जांच कर रहे हैं। हम अपनी जांच को पारदर्शी बनाए रखने के लिए सभी एजेंसियों को शामिल कर रहे हैं।''
चौड़ा ने इस साल जुलाई में फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा था, ‘‘सिख समुदाय ने अकाली दल (बादल) को उसके गंभीर कुकर्मों के कारण राजनीतिक क्षेत्र से खारिज कर दिया है और वह अपनी छवि को पुनर्जीवित करने के लिए अकाल तख्त का इस्तेमाल कर रहा है। यह पार्टी ‘पंथ' (सिख समुदाय) की दुश्मन है और अब उसे राजनीतिक क्षेत्र में सिख समुदाय का नेतृत्व करने का अधिकार नहीं है।''
अकाल तख्त पर सिख धर्मगुरुओं ने दो दिसंबर को सुखबीर सिंह बादल एवं अन्य नेताओं को "गलतियों" के लिए 'तनखाह' की सजा सुनायी थी, जिसमें 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना भी शामिल था। चौड़ा पर 21 मामले चल रहे हैं और 2004 के चंडीगढ़ बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी उसकी भूमिका थी।
चौड़ा ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकवादियों जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भियोरा, जतर सिंह तारा और देवी सिंह को सलाखों के पीछे से छुड़ाने में मदद की थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, चौड़ा एक बार पाकिस्तान भी गया था और आतंकवाद के शुरुआती दौर में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में शामिल था।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने बृहस्पतिवार को अमृतसर के पुलिस आयुक्त के उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस सुखबीर बादल की हत्या के प्रयास में ‘‘सहानुभूति के पहलू'' की भी जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि शिअद नेता पर हमला ‘‘सहानुभूति हासिल करने के लिए किया गया था।'' सुखबीर के रिश्तेदार मजीठिया ने पुलिस पर हमले की घटना में अपनी ‘पूर्ण विफलता' से ध्यान हटाने का आरोप लगाया।
पंजाब सरकार में मंत्री रह चुके मजीठिया ने यह आरोप लगाया कि अमृतसर में पुलिस अधीक्षक स्तर के एक अधिकारी ने बादल पर हमले से एक दिन पहले तीन दिसंबर को स्वर्ण मंदिर परिसर में चौड़ा से हाथ मिलाया था। उन्होंने दावा किया कि स्वर्ण मंदिर परिसर में फुटेज है, जिसमें पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी चौड़ा के साथ ‘‘दोस्ताना संबंध''में दिख रहे हैं।