Sukhbir Badal attack case: कौन है सुखबीर बादल पर हमला करने वाला, पहले से ही हैं कई मामले दर्ज
अमृतसर, 4 दिसंबर (ट्रिन्यू)
Sukhbir Badal attack case: स्वर्ण मंदिर परिसर में श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा तनखैया घोषित किए जाने के बाद शिअद नेता सुखबीर बादल सेवा निभा रहे हैं। बुधवार को वह सेवा कर रहे थे, इसी दौरान खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौरा ने उन पर फायरिंग कर दी। हालांकि फायरिंग में वह बाल-बाल बच गए। गोली दीवार में लगी। आरोपी को दबोच लिया गया।
चौरा पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं, जिनमें से एक अमृतसर में 2010 के विस्फोटक अधिनियम के तहत था। वह गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत भी मामलों में वांछित था।
पुलिस के अनुसार, चौरा ने 1984 में पाकिस्तान में शरण ली थी और वहां से हथियार और विस्फोटकों की बड़ी खेप पंजाब में तस्करी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पाकिस्तान में रहते हुए उसने गुरिल्ला युद्ध पर एक पुस्तक भी लिखी थी। चौरा को 28 फरवरी, 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह फिलहाल जमानत पर बाहर था।
पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि समय रहते हालात को संभाल लिया गया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने कहा, "अमृतसर पुलिस के एक कर्मी की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के कारण चौरा को गिरफ्तार कर लिया गया। सब कुछ अब नियंत्रण में है।"
अकाली दल ने उठाए सुरक्षा पर सवाल
इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक करार दिया। उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग की और कहा, "हम उस पुलिसकर्मी की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हैं, लेकिन हमें सरकार पर भरोसा नहीं है। इस साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए।"
उन्होंने कहा चौरा पिछले दो दिनों से गोल्डन टेंपल के आसपास घूम रहा था। पुलिस ने उसे पहले क्यों नहीं पकड़ा? क्या वे किसी घटना का इंतजार कर रहे थे?
सुरक्षा की समीक्षा की मांग
इस घटना के बाद दरबार साहिब और आसपास की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस ने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। मामले की जांच जारी है, और यह देखना होगा कि इस साजिश के पीछे कौन-कौन से हाथ हैं।