मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

अकाल तख्त साहिब पर पेश हुए सुखबीर बादल, जत्थेदार की गैरमौजूदगी में सौंपा स्पष्टीकरण

08:01 AM Sep 01, 2024 IST
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल शनिवार को अमृतसर में अकाल तख्त पर माथा टेकते हुए। -सुनील कुमार

संगरूर 31 अगस्त (निस)
तनखाहिया घोषित किये जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल आज श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे, जहां उन्होंने जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की गैरमौजूदगी में उनके कार्यालय में कर्मचारियों को अपना स्पष्टीकरण सौंपा। इसके बाद वह श्री अकाल तख्त साहिब पर माथा टेकने पहुंचे। सुखबीर बादल के साथ पूर्व मंत्री गुलजार सिंह रणीके, दलजीत सिंह चीमा और शरणजीत ढिल्लों भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करने से साफ इनकार कर दिया और वापस लौट गये।
इस बीच, पूर्व कैबिनेट मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेश के बाद हम सभी ने आज जत्थेदार को लिखित स्पष्टीकरण सौंप दिया है। हमें अपने गुरु पर भरोसा है, वह न्याय करेंगे। उन्होंने कहा कि बेशक 15 दिन के अंदर पेश होने के आदेश दिए गए थे लेकिन अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के मन में एक बड़ा बोझ था, जिसके चलते वह आज पेश हो गए। उन्होंने कहा कि इस मौके पर सुखबीर सिंह बादल ने जत्थेदार से अपील की है कि जल्द से जल्द पांच सिंह साहिबानों की बैठक बुलाई जाए और फैसला सुनाया जाए।
उन्होंने कहा कि जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह उपस्थित नहीं थे, इसलिए स्पष्टीकरण स्टाफ को सौंपा गया। उन्होंने अपने स्पष्टीकरण का मुख्य अंश साझा करते हुए कहा कि वे 2007 से 2014 तक मुख्यमंत्री के सलाहकार और फिर शिक्षा मंत्री रहे। 24 जुलाई को सुखबीर बादल खुद जो पत्र नंबर 236 श्री अकाल तख्त साहिब लेकर गए थे, वही उनका स्पष्टीकरण भी है। वे उससे सहमत हैं। निर्णय सर्वसम्मति से लिये जाते हैं। मैं बिना कोई सवाल-जवाब किये अपनी गलती स्वीकार करता हूं।

Advertisement

Advertisement