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हरियाणा में गन्ना उत्पादकों को 500 करोड़ का नुकसान

10:11 AM Apr 11, 2024 IST
हरियाणा में गन्ना उत्पादकों को 500 करोड़ का नुकसान
यमुनानगर के खेतों में खड़ी गन्ने की फसल। -हप्र
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यमुनानगर, 10 अप्रैल (हप्र)
हरियाणा में गन्ना उत्पादक किसानों को इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में 500 करोड़ रुपयेे से अधिक का नुकसान हुआ है। हरियाणा की सभी 14 शुगर मिलों को इस बार पिछले साल की अपेक्षा गन्ना कम सप्लाई हुआ है। शुगर मिलों को भी इससे काफी नुकसान हुआ है। इससे आने वाले समय में चीनी पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा। प्रदेश की जो शुगर मिल हर साल मई जून तक चलती थी वह गन्ना न मिलने के कारण बंद हो चुकी हैं।
हरियाणा के गन्ना उत्पादक किसान नेता सतपाल कौशिक का कहना है कि गन्ने की खेती कई सालों से घाटे का सौदा साबित हो रही है। क्योंकि न तो मौजूदा सरकार ने गन्ने के भाव में लाभकारी मूल्य की घोषणा की, और न ही किसानों का मौसम ने साथ दिया। उसके साथ-साथ गन्ना में कीट पतंगे व बीमारियों के कारण गन्ने की पैदावार पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष हरियाणा में 150 लाख क्विंटल गन्ना कम हुआ है। हरियाणा की अधिकतर शुगर मिलें कुछ मार्च में और कुछ बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में बंद हो गई हैं, जो पहले जून के प्रथम सप्ताह तक चलती थी। लेकिन इस बार जहां किसानों को 500 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है वहीं शुगर मिल भी इस नुकसान से अब बच नहीं पाई।
उन्होने कहा कि यदि सरकार व मिलों ने उचित प्रबंध नहीं किया जैसे कि गन्ने का लाभकारी मूल्य व अच्छी किस्म के गन्ने का बीज किसानों को नहीं उपलब्ध कराया तो भविष्य में और भी पैदावार हरियाणा में कम होगी। और वह दिन भी दूर नहीं कि सरकार को चीनी विदेश से मंगवानी पड़ेगी।
कौशिक ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में गन्ने के लागत मूल्य में 10 गुना वृद्धि हुई है, लेकिन भाव दोगुना भी नहीं हुए। यह किसान के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय रहा है। सरकार ने कहा था कि 2022 में किसान की आमद दुगनी हो जाएगी, लेकिन आमदनी तो दुगनी हुई नहीं, खर्चा 10 गुना हो गया। कौशिक ने कहा की गन्ने की लागत में यदि खेत का ठेका मिला दिया जाए तो यह ₹400 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक आती है लेकिन किसान को मौजूदा सरकार 386 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है, जबकि पंजाब में 391 रुपये प्रति क्विंटल भाव है।

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