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गन्ने की पिराई ने पकड़ी तेजी, मिल प्रशासन और किसानों को मिली राहत

09:19 AM Jan 13, 2025 IST
गन्ने की पिराई ने पकड़ी तेजी  मिल प्रशासन और किसानों को मिली राहत
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सोनीपत, 12 जनवरी (हप्र)
कड़ाके की पड़ रही ठंड ने भले ही जनजीवन को प्रभावित किया है,लेकिन इससे सोनीपत सहकारी चीनी मिल की पिराई क्षमता में बढ़ोतरी हो गई है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया कि पिछले 24 घंटे में चीनी मिल में 22 हजार 443 क्विंटल गन्ने की पिराई हुई है। जबकि मिल की पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। पिराई में आई तेजी से मिल प्रशासन के साथ-साथ किसानों को भी राहत मिली है, क्योंकि उनके खेत अब जल्दी खाली हो रहे हैं।
बता दें कि मौजूदा समय में तापमान काफी कम है। इस मौसम में फॉल्ट आने की संभावना भी कम होती है।
वहीं कोई त्योहारी सीजन या खास मौका न होने के कारण किसानों को आसानी से श्रमिक मिल रहे हैं जिससे मिल में गन्ने की आपूर्ति भी तेजी से हो रही है।
परिणामस्वरूप मिल ने पिराई की रफ्तार को बढ़ा दिया है, ताकि पहले महीने में ब्रेक डाउन की वजह से प्रभावित हुई गन्ने की पिराई को कवर किया जा सके।

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अब तक 8 लाख 80 हजार क्विंटल गन्ने की हुई पिराई
सोनीपत चीनी मिल में पिराई सत्र की शुरूआत 25 नवंबर को हुई थी। अब तक पिराई सत्र में 8 लाख 80 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई का काम पूरा किया जा चुका है। मिल प्रशासन द्वारा किसानों के साथ 32 लाख क्विंटल की बॉन्डिंग की गई है। रविवार की बात करें तो दोपहर के 3 बजे तक करीब 8 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई पूरी कर ली गई है।

मिड वैरायटी किस्मों की पर्चियां भी ओपन
सोनीपत चीनी मिल प्रशासन द्वारा अब मिड वैरायटी किस्मों की पर्चियां भी ओपन कर दी गई है। जिसके बाद गन्ने की किस्म 5011 उगाने वाले किसानों को भी राहत मिली है। दूसरी तरफ इससे गन्ने की आवक भी तेज हुई है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को किसानों ने तीन बजे तक करीब 36 हजार क्विंटल गन्ने के टोकन बुक कर लिए थे। इसमें से किसान करीब 5 हजार क्विंटल गन्ना लेकर पहुंच गए थे।

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''चीनी मिल में अब तेजी से गन्ने की पिराई की जा रही है। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कारगर कदम उठाए गए हैं। अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक पिराई के काम को पूरा करने की रुपरेखा तैयार की गई है। किसानों से अपील की जा रही है कि वे अपनी ट्रॉली पर रिफ्लेक्टर जरूर लगाएं ताकि कोहरे के मौसम में कोई दुर्घटना न हो।''
-श्वेता सुहाग, एमडी, सोनीपत चीनी मिल

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