सोनीपत सहकारी चीनी मिल में गन्ने की पिराई लड़खड़ाई
सोनीपत, 28 नवंबर (हप्र)
सोनीपत सहकारी चीनी मिल में पिराई सत्र के शुरूआती चरण में पिराई प्रक्रिया रफ्तार पकड़ती नजर नहीं आ रही है। बृहस्पतिवार को भी तकनीकी खराबी आने की वजह से पिराई प्रक्रिया कई घंटों तक बाधित रही। इस दौरान मिल की टीम को पुरानी स्टीम पाइप लाइन को बदलना पड़ा, ताकि टरबाइन बेहतर ढंग से काम कर सके। दिन में कई घंटों तक पिराई प्रक्रिया बंद रहने की वजह से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
चीनी मिल में पिराई सत्र की शुरूआत 25 नवंबर को की गई थी। परंतु गन्ने की उपलब्धता न होने की वजह से पिराई का काम 26 नवंबर को ही शुरू हो पाया था। मगर बृहस्पतिवार को करीब 2600 क्विंटल गन्ने की पिराई करने के बाद मिल में तकनीकी खराबी आ गई, जिसके कारण पिराई के काम को रोकना पड़ा।
22 हजार क्विंटल प्रतिदिन की पिराई क्षमता
सोनीपत चीनी मिल की पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। परंतु अब तक मिल अपनी क्षमतानुसार नही चल पाया है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिराई सत्र का शुभारंभ होने के बाद बृहस्पतिवार दोपहर 2 बजे तक करीब 23 हजार क्विंटल गन्ने की ही पिराई हो पाई थी। पिछले 24 घंटे की बात करे तो करीब 12 हजार 106 क्विंटल गन्ने की पिराई हुई। मिल में बृहस्पतिवार 2 बजे तक यार्ड में जहां 7,330 क्विंटल गन्ना जमा हो गया था, वहीं किसानों ने 18,600 क्विंटल गन्ने का ऑनलाइन टोकन भी बुक कर दिया था।
मिल में पिराई सत्र की शुरूआत हुई है। शुरूआत में कई बार कुछ तकनीकी कमियां सामने आती है, उन्हें जल्द से जल्द दूर कर पिराई प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का प्रयास किया जाता है। पिराई प्रक्रिया जल्द ही रफ्तार पकड़ लेगी। किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नही होने दी जाएगी। गन्ने की आवक भी तेज होना शुरू हो गई है। जल्द ही मिल अपनी क्षमता के हिसाब से काम करेगा।
-डीएस पहल, चीफ इंजीनियर, सोनीपत चीनी मिल