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चीनी मिल प्रशासन ने ऑनलाइन टोकन सिस्टम किया बंद

06:23 AM Apr 04, 2025 IST
चीनी मिल प्रशासन ने ऑनलाइन टोकन सिस्टम किया बंद
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सोनीपत, 3 अप्रैल (हप्र)
सोनीपत सहकारी चीनी मिल प्रशासन द्वारा किसानों के लिए शुरू की गई ऑनलाइन टोकन सिस्टम सेवा बंद कर दी गई है। किसानों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अब सीधे मिल में पहुंचकर अपना टोकन बुक करवाएं। मिल प्रशासन द्वारा यह फैसला मिल में गन्ने की आवक को बढ़ाने के लिए उठाया है, क्योंकि किसान ऑनलाइन टोकन तो तेजी से बुक कर रहे थे, लेकिन अपेक्षाकृत मिल में गन्ना लेकर नहीं पहुंच पा रहे थे। ऐसे में ‘नो केन’ की स्थिति से बचने के लिए मिल प्रशासन ने ऑनलाइन टोकन सेवा को बंद कर दिया है।
बता दें कि सोनीपत मिल में पिराई सत्र अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मिल प्रशासन द्वारा हाल ही में पिराई सत्र समाप्त करने का नोटिस भी किसानों को जारी कर दिया है। जिसके बाद किसान बड़ी मात्रा में गन्ने का ऑनलाइन टोकन बुक कर रहे थे, लेकिन मिल में गन्ना कम पहुंच रहा था। परिणामस्वरूप ऑनलाइन टोकन सेवा बंद कर दी गई है।

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अब तक 25.30 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई

मिल में पिराई सत्र की शुरूआत 25 नवंबर को हुई थी। जिसके बाद अब तक 25.30 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई का काम पूरा किया जा चुका है। मिल में पिछले 24 घंटे में 20 हजार 772 क्विंटल गन्ने की पिराई हुई है। वहीं मिल की पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है। मिल प्रशासन ने किसानों के साथ पिराई सत्र के लिए 32 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग की थी। इसमें से एक लाख क्विंटल गन्ने की पिराई गोहाना सहकारी चीनी मिल में कराई जा चुकी है।

"मिल में पिराई सत्र अपने अंतिम चरण में हैं। पिछले 24 घंटे में 20 हजार क्विंटल से अधिक गन्ने की पिराई हुई है। ऑनलाइन टोकन बुकिंग सिस्टम बंद किया गया है ताकि मिल में आवक तेज हो सके। किसानों के बचे हुए गन्ने की जल्द से जल्द पिराई कर ली जाएगी।"
-डीएस पहल, चीफ इंजीनियर, सोनीपत चीनी मिल

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आज तक खुली रहेंगीं पर्चियां, सीधे गन्ना डाल सकते हैं किसान

गन्ने की आवक बढ़ाने के लिए मिल प्रशासन द्वारा 4 अप्रैल तक पर्चियों को भी ओपन कर दिया है तथा किसानों को निर्देश जारी किए हैं कि जिन किसानों के पास गन्ना छीला हुआ है, वह सीधे मिल में डाल सकते हैं। ऑनलाइन टोकन सिस्टम बंद होने के बाद बृहस्पतिवार को दोपहर करीब 3 बजे तक यार्ड में 3 हजार क्विंटल गन्ना किसान लेकर पहुंचे थे।

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