सिक्किम में अचानक आई बाढ़, सेना के 23 जवान लापता
गंगटोक, 4 अक्तूबर (एजेंसी)
उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ से 8 लोगों की मौत हो गई। बाढ़ में सेना के 23 जवानों समेत 49 लोग लापता हो गए। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अचानक बाढ़ आने और एक बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) के एक अधिकरी ने कहा, ‘ल्होनक झील के कुछ हिस्सों पर बादल फटने से बुधवार तड़के तीस्ता नदी बेसिन पर झील में अचानक जलस्तर बढ़ गया’, जिससे कई प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा।
बाढ़ के बाद हालात इतने बिगड़े हैं कि सिक्किम के चार जिलों में सभी स्कूल आठ अक्तूबर तक बंद कर दिए गए हैं। इस बीच, रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि सेना के 23 जवानों के लापता होने की खबर है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने अभियान चलाकर 80 लोगों को बचा लिया। उधर, मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने तीस्ता नदी बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सिंगताम का दौरा किया।
उन्होंने कहा, ‘इस चुनौतीपूर्ण वक्त में, मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से प्रभावित हुए सभी पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।’ उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार जरूरतमंद लोगों को सभी आवश्यक सहायता और राहत उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हम स्थिति की गंभीरता को समझते हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा एवं कुशलता सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे दल दिन-रात काम कर रहे हैं।’
आपदा घोषित
सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि सिक्किम और देश के बाकी हिस्सों के बीच मुख्य संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के कुछ हिस्से बह गए। गंगटोक जिले में सिंगताम पर बना इंद्रेणी पुल ढह गया। कुल 120 मीटर लंबा यह संस्पेंशन पुल तीस्ता नदी पर बना एक महत्वपूर्ण मार्ग था। दो अन्य पुल तीस्ता में आए उफान के कारण गिर गए हैं।