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‘फूलों की खेती से जुड़े सहभागियों को लुभाएंगे ऐसे आयोजन’

08:57 AM Nov 09, 2024 IST
‘फूलों की खेती से जुड़े सहभागियों को लुभाएंगे ऐसे आयोजन’
करनाल में शुक्रवार को राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा और मुख्य अतिथि डॉ. गुरबचन सिंह। -हप्र
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करनाल,8 नवंबर (हप्र)
बागवानी के लिए स्मार्ट खेती समाधान पर सजावटी बागवानी विषय पर महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल में शुक्रवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व चेयरमैन एएसआरबी एंड एग्रीकल्चर कमिश्नर भारत सरकार नयी दिल्ली डॉ. गुरबचन सिंह ने शिरकत की। सम्मेलन का शुभारंभ पूर्व चेयरमैन एएसआरबी एंड एग्रीकल्चर कमिश्नर भारत सरकार नयी दिल्ली डॉ. गुरबचन सिंह, कार्यक्रम चेयरमैन ओर एमएचयू कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। राष्ट्रीय सम्मेलन में देश के 16 राज्यों से वैज्ञानिक ओर फूल उद्योगों से जुड़े उद्यमियों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि डॉ. गुरबचन सिंह ने बताया कि देशभर में फूलों की खेती में अपार संभावनाएं हैं, इसलिए स्मार्ट फॉर्मिंग सॉल्यूशन प्रोवाइड करना अति आवश्यक हो जाता है, ताकि उत्पादन ओर उत्पाद को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस वक्त किसानों के समक्ष फूलों को बेचना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, इसके समाधान के लिए फूल उगाने वाले किसानों को एफपीओ के माध्यम से सशक्त किया जाए, वैज्ञानिकों द्वारा खाद्य योग्य फूलों की भी संभावनाएं खोजी जाए। एमएचयू कुलपति व राष्ट्रीय सम्मेलन के चेयरमैन माननीय डॉ सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि फूलों की खेती से जुड़े सभी सहभागियों को जोड़ने के लिए, इस तरह के कार्यक्रम की आवश्यकता है। फूलों के निर्यात की दृष्टि से बढ़ावा देने की बहुत आवश्यकता बनी हुई हैं, पिछले साल 718 करोड़ रुपए के फूल अमेरिका, कनाड़ा, नीदरलैंड, मलेशिया आदि देशों में भेजे गए। उन्होंने बताया कि स्मार्ट फॉर्मिंग के लिए बहुत से विकल्प वर्टिकल गार्डनिंग, हाइड्रोपोनिक, पोलीहाउस, इंटिग्रेटिड कोल्ड चेन, आधुनिक मशीनरी का आदि का उपयोग करना आवश्यक है। फूलों के क्षेत्र में बहुत से क्षेत्रों में किसानों को स्मार्ट समाधान उपलब्ध कराने की आवश्यकता है, जैसे कृषि अनुसंधान केंद्र, उद्यान विश्वविद्यालय और उद्योगों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

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पहला विश्वविद्यालय बना एमएचयू

कुलपति डॉ. सुरेश ने वैज्ञानिकों से कहा कि स्मार्ट फूलों की खेती को लेकर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने वाली एमएचयू पहला विश्वविद्यालय हैं, जहां पर देशभर के वैज्ञानिक विचार विमर्श करने जुटे हैं। कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ओर मुख्य अतिथि डॉ गुरबचन सिंह ने एमएचयू प्रांगण में देशभर के विभिन्न विभागों ओर उद्यमियों की ओर से लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया। इनमें भाकृअप कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय नयी दिल्ली, हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर हिमाचल प्रदेश, भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र, नैशनल डेयरी (एनडीआरआई) नितारा त्यागी एग्री इंड्रस्ट्रीज मुरादाबाद यूपी, धानुका एग्रीटैक, मोडेस्टो प्रा. लि, एमएचयू द्वारा लगाएं गए स्टॉल, अल्फा प्लांटस आदि शामिल रहे। सम्मेलन को विशिष्ट अतिथि के तौर पर डायरेक्टर ऑफ फ्लोरिकल्चर रिसर्च शिवाजी नगर, पुणे से डायरेक्टर डॉ केवी प्रसाद ओर बागवानी विश्वविद्यालय आंध प्रदेश के पूर्व वाइस चासंलर डॉ टी जानकी राम ने भी संबोधित किया। एमएचयू के अनुसंधान निदेशक, बागवानी महाविद्यालय डीन डॉ. रमेश गोयल ने सम्मेलन में आए अतिथियों का स्वागत किया। भारतीय अलकृंत बागवानी सोसायटी के सचिव डॉ एसएस सिधु ने सभी का धन्यवाद किया। मौके पर रजिस्ट्रार सुरेश सैनी, डीन पीजीएस डॉ धर्मपाल, डीईई डॉ विजय पाल यादव, छात्र कल्याण निदेशक डॉ जोगिंद्र मलिक, वित्त नियंत्रक ओमबीर राणा सहित अन्य मौजूद रहे।

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