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इच्छाशक्ति से सफलता

07:00 AM Dec 21, 2023 IST

एक बालक पोलियो का शिकार हो गया। डॉक्टरों ने उसके माता-पिता को बताया कि उसका इलाज दवाओं से नहीं, बल्कि उसकी अपनी इच्छाओं से हो सकेगा। बालक को धीरे-धीरे खुद भी इसका अहसास हुआ। वह दूसरे बच्चों को जब मैदान में भागते देखता, तो खुद भी दौड़ने की कोशिश करता। माता-पिता रोज उसे पार्क ले जाते। कुछ दिन बाद वह सचमुच दूसरे बच्चों की तरह दौड़ने-कूदने लगा। इसी बालक ने 16 जुलाई, 1900 को ओलंपिक में ऊंची कूद, लंबी कूद और तीहरी कूद-तीनों प्रतिस्पर्द्धाओं में स्वर्णपदक प्राप्त किए। प्रबल इच्छाशक्ति की मिसाल कायम करने वाले वह धावक, अमेरिका के ‘रे एवरी’ थे। उनका जीवन प्रेरणा देता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर मनुष्य अपनी शारीरिक बाधाओं पर विजय प्राप्त कर लेता है।

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प्रस्तुति : मुकेश ऋषि

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