निरंतर सीख से सफलता
एडमंड हेली महान वैज्ञानिक न्यूटन के समकालीन थे। उन्होंने न्यूटन ककी रिसर्च में भी बहुत सहयोग किया था। एक ओर वह खगोल से जुड़ी रिसर्च करते थे, तो वहीं दूसरी ओर न्यूटन के रिसर्च कार्यों में भी सहयोग करते थे। एडमंड धीरे-धीरे न्यूटन के सबसे प्रिय हो गये। इसलिए कुछ शोध छात्र उनकी बेवजह शिकायत न्यूटन से किया करते। मगर न्यूटन ने उनको समझाया कि देखो, यह अपनी प्रयोगशाला के बाहर भी लगातार सीखता रहता है। इसे आत्मप्रशंसा पसंद नहीं। लोगों को बिना बताए और बिना उनको तंग किये भी यह उनसे सीखता रहता है। फिर जो भी शोध-छात्र हर दिन कुछ न कुछ नया सीख रहा है वह एक जिम्मेदार इंसान बनेगा। ऐसा ही हुआ। सर एडमंड हैली एक अंग्रेज खगोलशास्त्री और गणितज्ञ बने, जिन्होंने धूमकेतु की कक्षा की गणना सबसे पहले की थी, जिसका नाम बाद में उनके नाम पर ही रखा गया। उनकी समाधि पर लगे पत्थर पर उन्हें ‘अपने युग के खगोलशास्त्रियों का राजकुमार’ बताया गया है।
प्रस्तुति : मुग्धा पांडे