एकाग्रता से सफलता
04:00 AM Dec 06, 2024 IST
आश्रम में प्रवचन दे रहे महात्मा से एक व्यक्ति ने पूछा, ‘महात्मा जी मैं दिन-रात मेहनत करता हूं लेकिन आज तक सफलता नहीं मिली, ऐसा क्यों?’ महात्मा उसे अपने साथ बाहर ले गए और एक ‘कांच का टुकड़ा और कागज’ देकर ‘सूर्य की किरणों’ के सामने इस तरह खड़ा कर दिया जिससे किरणें कांच से सीधे कागज पर पड़ती रहें। कुछ समय पश्चात उस कागज में आग लग गयी। व्यक्ति को समझाते हुए महात्मा ने कहा कि यदि यह कांच हम हिलाते रहते हैं तो कागज को कभी आग नहीं लग सकती। उसी प्रकार यदि तुम अडिग मन और विश्वास के साथ परिश्रम करते हो तो कामयाबी अवश्य मिलेगी। मन एकाग्र नहीं होता है तो सफलता असंभव है। अतः तल्लीन होकर परिश्रम करो।
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प्रस्तुति : संदीप भारद्वाज
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