सफलता के लिए विषयगत, संचार व जीवन कौशल जरूरी : कुलपति
रोहतक, 26 अगस्त (हप्र)
जीवन तथा कॅरियर में सफलता प्राप्त करने के लिए विषयगत कौशल, संचार कौशल तथा जीवन कौशल जरूरी है। विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा तराशने तथा स्किल्ज डेवलपमेंट पर फोकस करने का आह्वान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने एम्प्लायबिलिटी एनहांसमेंट स्किल्ज कार्यशाला के समापन सत्र में बतौर मुख्यातिथि किया। विश्वविद्यालय के कॅरियर काउंसलिंग एंड प्लेसमेंट सैल, गणित विभाग तथा पर्यावरण विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इस कॅरियर कार्यशाला का आयोजन 21 अगस्त से किया गया। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि प्रभावी संचार समय की जरूरत है। संचार कौशल की जरूरत कॅरियर के प्रत्येक क्षेत्र में होती है, ऐसा उनका कहना था। ज्ञान विस्तारण के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व के समग्र विकास पर ध्यान देने की सलाह कुलपति ने दी। कुलपति ने टैक्नोलोजीकल स्किल्स के साथ जुड़ने का आह्वान भी विद्यार्थियों से किया। उन्होंने सीसीपीसी को कार्यशाला आयोजन के लिए बधाई दी।
समापन सत्र में गणित विभाग की लक्षिता तथा पर्यावरण विज्ञान विभाग की प्रतिभा ने कार्यशाला संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रतिभागी हरिओम, काजल, मनीष तथा चक्षु गुगनानी ने फीडबैक प्रस्तुत की। कार्यशाला पार्टनर महिन्द्रा प्राइड क्लासरूम एवं नंदी फाउंडेशन के टे्रनर मनीष्ज्ञ अरोड़ा, रविन्द्र पाल सिंह तथा राजीव कुमार ने कार्यशाला के तकनीकी सत्रों का संचालन किया। इस अवसर पर गणित विभाग तथा पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्राध्यापकगण, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
जीवनपर्यंत बने रहें विद्यार्थी
समापन सत्र में डीन, स्टूडेंट वेल्फेयर प्रो. रणदीप राणा ने कहा कि जीवनपर्यंत विद्यार्थी बने रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दृढ़ निश्चयी होना भी जरूरी है ताकि जीवन लक्ष्य को हासिल करने का जीवट बना रहे। गणित विभाग के अध्यक्ष प्रो. दलीप सिंह ने स्वागत भाषण दिया। पर्यावरण विज्ञान विभाग की अध्यक्षा प्रो. राजेश धनखड़ ने कहा कि इस रोजगारोन्मुखी कार्यशाला से विद्यार्थियों में आत्म विश्वास जाग्रत हुआ। निदेशक कॅरियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट सैल प्रो. सुमित गिल ने कहा कि सीसीपीसी के तत्वावधान में एमडीयू के विद्यार्थियों के कैपिसिटी बिल्डिंग के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम संचालन गणित विभाग की सीसीपीसी समन्वयिका डा. एकता नरवाल ने किया। उन्होंने कार्यशाला संबंधित जानकारी सांझा की। उप निदेशक सीसीपीसी डा. सुखविंदर सिंह ने कार्यशाला समन्वयन सहयोग दिया।